छत्तीसगढ़ की तरह राजस्थान में हो जाएगी सुलह… सिंहदेव जैसी चमकेगी पायलट की किस्मत?

जयपुर: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने चुनाव से कुछ समय पहले जिस तरह पार्टी की अंदरूनी उथल-पुथल को सवारा है उससे देख कर अब कयास लगाए जा रहे हैं कि राजस्थान में भी कुछ ऐसा खेला हो सकता है. जहां छत्तीसगढ़ में सिंहदेव को डिप्टी सीएम बनाए जाने के बाद राजस्थान में पायलट की चर्चा तेज […]

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छत्तीसगढ़ की तरह राजस्थान में हो जाएगी सुलह… सिंहदेव जैसी चमकेगी पायलट की किस्मत?

Riya Kumari

  • June 30, 2023 11:07 am Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

जयपुर: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने चुनाव से कुछ समय पहले जिस तरह पार्टी की अंदरूनी उथल-पुथल को सवारा है उससे देख कर अब कयास लगाए जा रहे हैं कि राजस्थान में भी कुछ ऐसा खेला हो सकता है. जहां छत्तीसगढ़ में सिंहदेव को डिप्टी सीएम बनाए जाने के बाद राजस्थान में पायलट की चर्चा तेज हो गई है.

पलटेगी पायलट की किस्मत?

राजस्थान की सियासत में भी कुछ उसी तरह की हलचल है जैसी छत्तीसगढ़ में रही है. छत्तीसगढ़ में भी सीएम की कुर्सी पर ढाई-ढाई साल का कार्यकाल तय हुआ था जिसे लेकर भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव के बीच खूब तनातनी देखने को मिली. क्योंकि छत्तीसगढ़ में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस ने सिंहदेव की सियासी ताकत को देखते हुए उन्हें डिप्टी सीएम का पद सौंपा है. दरअसल वह काफी समय से पार्टी आलाकमान से नाराज़ चल रहे थे. जाहिर है ये नाराज़गी सीएम कुर्सी को लेकर ही थी जिससे पार्टी का आंतरिक संतुलन बिगड़ रहा है साथ ही साथ आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भी खतरा बना हुआ था. इसी कड़ी में पार्टी आलाकमान ने ये फैसला लिया.

सियासत पलटने का रखते हैं दमखम

कुछ इसी तरह की स्थिति राजस्थान में भी है जहां इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. यहां भी सीएम की कुर्सी को लेकर गहलोत और पायलट के बीच जंग छिड़ी रहती है. बीते दिन पायलट ने अपनी ही सरकार की कई योजनाओं को लेकर यात्रा भी निकाली थी. ऐसे में राजनीति गलियारों में संभावना जताई जा रही है कि बगावत जैसी स्थिति से बचने के लिए यहां भी कांग्रेस छत्तीसगढ़ फॉर्मूला लगा सकती है.

एक सी है दोनों की कहानी

टीएस और सचिन पायलट के बीच कई समानताएं भी हैं. दोनों नेता प्रदेश में कांग्रेस के बड़े चेहरों में से एक हैं. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में दोनों ने ही सरकार बनाने की सूरत में सीएम बनने का दावा ठोक दिया था. दोनों के लिए ही सरकार बनने के बाद बाजी पलट गई और उन्हें कई विभागों के मंत्रालय लेकर संतुष्ट होना पड़ा. अपने-अपने सीएम से दोनों की ही बगावत और अनबन दिखाई देती है. सिंहदेव और पायलट की ताकत का प्रदेश में पार्टी आलाकमान को भी अंदाजा है.

 

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