उद्धव को एक और झटका, लोकसभा में शिंदे गुट के सांसद को शिवसेना की कमान

मुंबई, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के सितारे गर्दिश से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, पार्टी के 12 सांसदों के शिंदे गुट से मिलने के संकेत और फिर शिंदे को वाई श्रेणी की सुरक्षा मिलना उद्धव को झटका दे चुका है. अब एकनाथ शिंदे के बयान ने उद्धव की मुश्किलों को और बढ़ा दिया है. […]

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उद्धव को एक और झटका, लोकसभा में शिंदे गुट के सांसद को शिवसेना की कमान

Aanchal Pandey

  • July 19, 2022 8:12 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

मुंबई, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के सितारे गर्दिश से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, पार्टी के 12 सांसदों के शिंदे गुट से मिलने के संकेत और फिर शिंदे को वाई श्रेणी की सुरक्षा मिलना उद्धव को झटका दे चुका है. अब एकनाथ शिंदे के बयान ने उद्धव की मुश्किलों को और बढ़ा दिया है. महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को जानकारी दी कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल शेवाले को शिवसेना नेता के रूप में मान्यता दे दी है. शेवाले उन दो सासंदों में शामिल हैं जो उद्धव को छोड़ शिंदे गुट से जुड़ चुके हैं. अब शेवाले को कमान मिलना उद्धव की मुश्किलें कैसे खड़ी कर सकता है, आइए जानते हैं:

महाराष्ट्र में कुर्सी छिनने के बाद भी उद्धव ठाकरे की मुश्किलें जारी हैं, पिछले दो दिन में उन्हें तीन तगड़े झटके लग चुके हैं. नए झटके में महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे ने जानकारी दी कि लोकसभा में अध्यक्ष ओम बिरला ने शिवसेना के सांसद राहुल शेवाले को शिवसेना नेता के रूप में मान्यता दे दी है. एकनाथ शिंदे के इस बयान से उद्धव ठाकरे की मुश्किल बढ़ना एकदम तय है. इसके अलावा शिवसेना के 12 सांसद पहले ही शिंदे गुट से मिलने के संकेत दे चुके हैं.

क्या है शेवाले को कमान दिए जाने के मायने

ओम बिरला ने राहुल शेवाले को शिवसेना के नेता के रूप में मान्यता दे दी है. दरअसल, एकनाथ शिंदे गुट ने लोकसभा में दावा किया था कि उनके पास शिवसेना के 12 सांसदों का समर्थन है, जो उन्हें मान्यता देने के लिए काफी है इसलिए शिंदे गुट की तरफ से राहुल शेवाले का नाम लोकसभा में शिवसेना के नेता के तौर पर रखने की बात कही गई थी. जिसे ओम बिरला ने स्वीकार कर दिया और शेवाले को मान्यता दे दी.

इसे एकनाथ शिंदे की उद्धव ठाकरे पर बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है. महाराष्ट्र विधानसभा में शिंदे पहले ही उद्धव ठाकरे को पटखनी दे चुके हैं, अब संसद में भी शिंदे गुट के सांसद को शिवसेना की कमान मिलना जाहिर करता है कि शिवसेना की कमान अब उद्धव के हाथों से लगभग छूट चुकी है. हालांकि उद्धव ठाकरे को शिवसेना प्रमुख से हटाना इतना आसान नहीं होगा क्योंकि उनका चयन शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से लेकर, पार्षद और स्थानीय स्तर के नेताओं द्वारा किया गया था इसलिए शिंदे को इसमें मुश्किलें आ सकती हैं.

 

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