New Delhi: जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसीपी को हराकर चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश के नए सीएम बन गए हैं. बुधवार, 12 जून को हुए शपथ ग्रहण समारोह में चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. इस बार आंध्र प्रदेश में दो उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण और नारा लोकेश ने भी शपथ ली. शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी समेत एनडीए के कई नेता शामिल हुए. तो आइए जानते हैं आखिर 21 सीटों वाली पवन कल्याण की पार्टी को डिप्टी सीएम पद क्यों मिला है, जबकि टीडीपी ने अकेले दम पर 175 सीटों में से 135 जीतकर बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है.
दक्षिण भारत में ‘कांग्रेस’ को कमजोर करने में ‘पवन कल्याण’ की अहम भूमिका
दक्षिण भारत में पवन कल्याण की पार्टी जनसेना को कांग्रेस को धुर विराधी माना जाता है. चुनाव के दौरान पवन कल्याण ने अपनी सभी रैलियों में कांग्रेस का जमकर विरोध किया और ‘कांग्रेस हटाओ’ जैसे नारे को आंध्र प्रदेश की जनता के बीच लोकप्रिय बनाया. जिसका फायदा पवन कल्याण की पार्टी जनसेना के अलावा टीडीपी और बीजेपी को भी मिला. पवन कल्याण की पार्टी जनसेना ने जरूर 21 विधानसभा सीटें जीती हैं लेकिन उसका योगदान बीजेपी और टीडीपी दोनों का वोट शेयर बढ़ानें में रहा है. आंध्र प्रदेश में ऐसी कई सीटें थी जहां पर टीडीपी और वाईएसआरसीपी में कड़ी टक्कर थी लेकिन अंत में टीडीपी ने उन सीटों पर बाजी मारी. राजनीति राजनीतिज्ञों का मानना है कि ऐसा सिर्फ पवन कल्याण के कारण ही संभव हो पाया है.
पवन कल्याण के बिना एनडीए गठबंधन की सरकार गिर सकती है ?
तेलुगू देशम पार्टी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू और पीएम मोदी के बीच की तल्खियां किसी से छुपी नही हैं. नायडू और पीएम मोदी की हिंदुत्वा विचारधारा से मेल नही खाती है इसके अलावा चंद्रबाबू नायडू मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान आंध्र प्रदेश को ‘विशेष राज्य’ का दर्जा ना देने पर एनडीए गठबंधन अलग भी हो गए थे. एनडीए गठबंधन उस समय सत्ता में था और सत्ता पक्ष को छोड़कर विपक्ष में चंद्रबाबू नायडू का जाना, पीएम मोदी-नायडू के बीच तल्खी का आलम सरेआम हो गया था.
इन सब तल्खियों के बीच लोकसभा चुनाव 2024 से पहले टीडीपी का एनडीए में शामिल हो जाना, राजनीतिज्ञ इसके पीछे की वजह पवन कल्याण को मानते हैं. पवन कल्याण ही ऐसे शख्स हैं जिनके चलते मोदी-नायडू एक साथ हैं. लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों में बीजेपी के अल्पमत में आने के बाद चंद्रबाबू किंग मेकर की भूमिका में आ गए हैं. अब वो जिस पक्ष में जाएंगे उस पक्ष की सरकार बन जाएगी. लेकिन चंद्रबाबू अबतक एनडीए को छोड़कर इंडिया गठबंधन की ओर नही गए हैं जिसका कारण हैं पवन कल्याण. इस समय यदि एनडीए गठबंधन को टूटने से कोई बचा सकता है तो वो हैं पवन कल्याण. इन सब वजहों से बीजेपी और टीडीपी दोनों ने मिलकर उनकी मांग के मुताबिक डीप्टी सीएम का पद दिया है.
बता दें कि आंध्र प्रदेस के विधानसभा चुनाव में राज्य की कुल 175 सीटों में टीडीपी ने 135 सीटें जीती है. जनसेना पार्टी ने 21 सीटें, बीजेपी ने 8 सीटे जीती है. इसके अलावा लोकसभा चुनाव में भी टीडीपी प्रदर्शन शानदार रहा था उसने 25 लोकसभा सीटों में से 17 पर चुनाव लड़ा था जिसमें उसे 16 पर जीत मिली. बीजेपी को 3 लोकसभा सीटें मिली हैं.
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