रविंद्र सिंह भाटी का खास दोस्त बीजेपी से जा मिला, टूट गई राम-लक्ष्मण की अजेय जोड़ी

बाड़मेर/जयपुर/नई दिल्ली: राजस्थान की राजनीति में इस वक्त किसी नाम की सबसे ज्यादा चर्चा है तो वो 26 वर्षीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी हैं. बीते साल हुए विधानसभा चुनाव में शिव सीट से निर्दलीय चुनाव जीतकर मीडिया की सुर्खियां बने रविंद्र भाटी ने अब लोकसभा चुनाव में ताल ठोक दी है. भाटी ने बाड़मेर संसदीय […]

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रविंद्र सिंह भाटी का खास दोस्त बीजेपी से जा मिला, टूट गई राम-लक्ष्मण की अजेय जोड़ी

Vaibhav Mishra

  • April 1, 2024 10:05 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 months ago

बाड़मेर/जयपुर/नई दिल्ली: राजस्थान की राजनीति में इस वक्त किसी नाम की सबसे ज्यादा चर्चा है तो वो 26 वर्षीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी हैं. बीते साल हुए विधानसभा चुनाव में शिव सीट से निर्दलीय चुनाव जीतकर मीडिया की सुर्खियां बने रविंद्र भाटी ने अब लोकसभा चुनाव में ताल ठोक दी है. भाटी ने बाड़मेर संसदीय सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. इस बीच 24 घंटे जनसमर्थन जुटाने में लगे रविंद्र भाटी को बड़ा झटका लगा है. उनके पुराने साथी ने अब उनका साथ छोड़ दिया है.

खास दोस्त ने ऐन मौके पर छोड़ दिया साथ

यूनिवर्सिटी के चुनाव और फिर विधानसभा चुनाव में रविंद्र सिंह भाटी के पीछे साए की तरह रहे अशोक गोदारा ने अब भाजपा का दामन थाम लिया है. गोदारा ने शनिवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी की मौजदूगी में भगवा पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि वो और रविंद्र सिंह अभी भी अच्छे दोस्त हैं. मुझे मेरे दोस्त पर बहुत गर्व है. हालांकि, अशोक गोदारा के भाजपा में शामिल होने के बाद अब साफ हो गया है कि रविंद्र सिंह भाटी को इस चुनाव में खास दोस्त का साथ नहीं मिलने वाला है.

हर तरह से भाटी की मदद करते थे गोदारा

सोशल मीडिया की चर्चाओं की मानें तो अशोक गोदारा हर तरह से अपने दोस्त रविंद्र सिंह भाटी की मदद करते थे. 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान भाटी जिन डिफेंडर और फॉर्च्यूनर जैसी महंगी गाड़ियों से चुनाव प्रचार कर रहे थे, वो सब गोदारा की ही थीं. रविंद्र भाटी के अनुसार वे एक मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं और इन गाड़ियों को अफोर्ड नहीं कर सकते. उन्होंने कई मौके पर बताया कि प्रचार के दौरान इस्तेमाल की गई गाड़ियां उनके दोस्तों की हैं. बता दें कि रविंद्र भाटी और अशोक गोदारा को लोग राम-लक्ष्मण जोड़ी कहते थे. ऐसे में गोदारा का बीजेपी से जा मिलना भाटी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.

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