Ravi Kishan Degree Controversy: गोरखपुर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रत्याशी और भोजपुरी रवि किशन की डिग्री पर विवाद छिड़ गया है. लोकसभा चुनाव 2014 में कांग्रेस के टिकट पर जौनपुर से चुनाव लड़े रवि किशन ने अपने एफिडेविट में खुद को ग्रेजुएट बताया था. वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव के हलफनामे में उन्होंने खुद को 12वीं पास बताया है.
लखनऊ. लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रत्याशी और भोजपुरी स्टार रवि किशन की डिग्री पर विवाद हो गया है. कुशीनगर के रहने वाले एक व्यक्ति ने गोरखपुर जिला निर्वाचन अधिकारी को इस मामले में शिकायत दर्ज की है. इसमें बताया गया है कि बीजेपी प्रत्याशी रवि किशन ने 2019 के लोकसभा चुनाव के एफिडेविट में खुद को 12वीं पास बताया है. लेकिन 2014 में उन्होंने खुद को ग्रेजुएट बताया था. इससे पहले भी केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी की डिग्री पर सवाल उठ चुके हैं.
गोरखपुर से चुनाव लड़ रहे बीजेपी कैंडिडेट रवि किशन ने नामांकन के साथ एफिडेविट जमा कराया है. जिसमें उन्होंने जानकारी दी है कि 1990 में उन्होंने रिजवी कॉलेज ऑफ आर्ट साइन्स एंड कॉमर्स, मुंबई से 12वीं पास की है. इसके अलावा उन्होंने कोई शैक्षणिक योग्यता की जानकारी नहीं दी है.
दूसरी तरफ लल्लनटॉप की रिपोर्ट के मुताबिक 2014 के लोकसभा चुनाव से रवि किशन ने यूपी के ही जौनपुर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे. उस दौरान रवि किशन ने अपने एफिडेविट में जानकारी दी थी कि उन्होंने रिजवी कॉलेज ऑफ आर्ट साइन्स एंड कॉमर्स, मुंबई से बी.कॉम किया है. यानी कि पांच साल के अंतराल में रवि किशन का कॉलेज तो वो ही रहा लेकिन डिग्री बदल गई है.
आपको बता दें कि रवि किशन एक भोजपुरी स्टार हैं. उन्हें इस चुनाव में बीजेपी ने गोरखपुर से प्रत्याशी बनाया है. ईस्ट यूपी की गोरखपुर लोकसभा सीट पर आखिरी चरण में 19 मई को मतदान होना है. इस सीट से सपा-बसपा और रालोद गठबंधन से रामभुआल निषाद और कांग्रेस से मधुसूदन तिवारी मैदान में हैं.
इससे पहले भी केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी की डिग्री पर काफी विवाद हुआ था. हाल ही में उन्होंने अमेठी से नामांकन के दौरान बताया कि उन्होंने 1991 में सेकेंडरी और 1993 में सीनियर सेकेंडरी स्कूल परीक्षा पास की है. साथ ही स्मृति ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से तीन साल की बीकॉम कंप्लीट नहीं की है. इससे पहले 2014 के चुनाव में स्मृति इरानी ने अपने हलफनामे में कहा था कि उन्होंने 1994 में ग्रेजुएशनकी डिग्री ली थी. जिसके बाद से ही उनकी डिग्री पर विपक्ष ने सवाल उठाए थे और वे उनके निशाने पर आ गई थीं.