September 8, 2024
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Maharashtra Politics: राउत को लगता था MVA 25 साल तक चलेगी… अजित पवार का पलटवार

  • WRITTEN BY: Riya Kumari
  • LAST UPDATED : June 20, 2023, 7:50 am IST

मुंबई: मांगा विकास अघाड़ी में सब कुछ ठीक नहीं है इस बात सबूत नेपा विपक्ष अजित पवार और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत के बीच चल रही जुबानी जंग है. एक बार फिर रविवार को अजित पवार ने संजय राउत के बयान पर पलटवार किया है. पवार ने कहा जब राज्य में उद्धव ठाकरे की सरकार थी तब उन्हें लगता था कि MVA 25 सालों तक चलेगी लेकिन अब वह खुद की सरकार लाना चाहते हैं.

राउत और अजित पवार के बीच जुबानी जंग

गौरतलब है कि राउत ने बीते दिन एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि जब तक उनके मन में है तब वह वह MVA में रहेंगे. नहीं तो वह खुद के दम पर भगवा लहराएंगे. इस बयान पर नेता विपक्ष अजित पवार का पलटवार सामने आया है. अजित पवार ने कहा है कि हर किसी को अपनी पार्टी आगे बढ़ने का अधिकार है. हम एक साथ इसलिए हैं क्योंकि अगर हम आज साथ नहीं हैं तो BJP और शिंदे गुट से नहीं लड़ पाएंगे.

‘उनको हमारी शुभकामनाएं…’

NCP नेता ने आगे कहा कि जब तक राज्य में उद्धव ठाकरे की सरकार थी तब तक राउत को लगता था कि MVA की सरकार 25 साल तक चले. अब यदि वह चाहते हैं कि उनकी खुद की सरकार सामने आए तो इसमें गलत क्या है? अजित पवार ने कहा कि पार्टी हर लक्ष्य को ध्यान में रखकर ही आगे बढ़ रही है. लेकिन इसपर हमें कुछ नहीं कहना है. उन्होंने आगे राउत को शुभकामनाएं देते हुए कहा, उनको हमारी शुभकामनाएं…

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने भी इस बीच बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि पवार का प्लान एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले को सीएम और आदित्य ठाकरे को डिप्टी सीएम बनाया जाए लेकिन शिवसेना के 40 विधायको ने बगावत कर दी.

बता दें, पिछले साल जून में पार्टी के 39 अन्य विधायकों ने शिंदे के नेतृत्व में महाराष्ट्र के तत्कालीन सीएम उठाव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी जिसके बाद शिवसेना दो हिस्सों में टूट गई थी. राज्य में शिवसेना, NCP और कांग्रेस की महा विकास अघाड़ी सरकार गिरने के बाद बीजेपी और शिंदे गुट ने मिलकर सरकार बनाई थी. इसके बाद दोनो गुटों के बीच बाल ठाकरे की राजनीतिक विचारधारा को लेकर लड़ाई छिड़ गई. भाजपा के साथ मिलक शिंदे ने ना केवल सरकार बनाई बल्कि चुनाव आयोग ने पार्टी का चुनावी चिन्ह ‘तीर-धनुष’ और नाम भी शिंदे गुट को सौंप दिया.

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