राजनीति

राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर फोड़ा बीकेयू के 2 फाड़ होने का ठीकरा, जानिए क्या कहा

नई दिल्ली। भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। इस बार उन्होंने अपने संगठन भारतीय किसान संघ में दो फूट के लिए केंद्र सरकार और राजनेताओं को भी जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने अपने इंटरनेट मीडिया अकाउंट से एक ट्वीट में लिखा है कि ‘सरकारों का काम किसान आंदोलन को तोड़ना, बांटना या कमजोर करना है’।  ‘किसानों की आवाज को आगे बढ़ाना हमारा धर्म है। उनके अधिकारों की रक्षा करें। अंतिम सांस तक किसानों की लड़ाई जारी रहेगी’।

ज्ञात हो कि स्वर्गीय महेंद्र सिंह टिकैत की 11वीं पुण्यतिथि पर 15 मई को भारतीय किसान संघ की एक महत्वपूर्ण बैठक लखनऊ में हुई थी, जिसमें भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक का गठन किया गया था। भारतीय किसान संघ अराजनैतिक के पहले से ही कामकाज पर नवगठित इकाई के अध्यक्ष राजेश सिंह चौहान ने कहा कि वे लोग पंजीकृत नहीं हैं, जबकि हमने भारतीय किसान संघ अराजनैतिक को पंजीकृत किया है।

महेंद्र सिंह टिकैत के पुत्रों को भारतीय किसान संघ में एक और विभाजन के कारण बड़ा झटका लगा है। भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के अध्यक्ष राजेश सिंह चौहान ने भी इस अवसर पर आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि राकेश टिकैत और नरेश टिकैत राजनीति से प्रेरित हैं। हम किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ेंगे। हम महेंद्र सिंह टिकैत के बताए रास्ते पर चलेंगे, अपने सिद्धांतों के खिलाफ नहीं जाएंगे।

राजेश सिंह चौहान ने कहा कि मैंने दोनों भाइयों के किसी भी राजनीतिक दल में शामिल होने का विरोध किया था। हमने कहा कि हम अराजनीतिक लोग हैं। हमारा काम किसान की समस्याओं पर लड़ना है। इस दौरान दोनों भाइयों ने हमें कई बार किसी पार्टी में शामिल होने के लिए कहा, लेकिन हम शामिल नहीं हुए। हम किसान आंदोलन में भी बराबर के भागीदार थे।अब भी अगर सरकार नहीं मानी तो हम किसानों की लड़ाई लड़ेंगे।
हम मिशन को स्वर्गीय महेंद्र सिंह टिकैत तक ले जाएंगे।

किसान संघ में फूट के बाद भी उन्होंने पहले एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि कुछ लोगों ने किसानों के हितों पर हमला करते हुए भारतीय किसान संघ से अलग संगठन बनाने की घोषणा की है। किसानों के हितों का विरोध करने वाले ऐसे तत्वों को तत्काल प्रभाव से बीकेयू से बर्खास्त कर दिया गया है। महेंद्र सिंह टिकैत अमर रहें किसान एकता जिंदाबाद

इससे पहले उन्होंने किसानों की फसलों से संबंधित एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में किसानों की फसलों के दाम अधिक हो रहे हैं और सरकार इसे कम कीमत पर बेचना चाहती है, इसलिए सरकार 500 रूपये प्रति क्विंटल देना चाहिए। इस बार गेहूं का उत्पादन घटा है और खपत ज्यादा है।

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Pravesh Chouhan

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