श्रीनगर, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार को करगिल विजय दिवस के मौके पर जम्मू कश्मीर पहुंचे हैं. इस मौके पर उन्होंने उन जवानों की शहादत को याद किया जिन्होंने 1999 के युद्ध में अपनी जान गवा दी थी, जम्मू में शहीदों के परिवारों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, मैं उन सभी […]
श्रीनगर, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार को करगिल विजय दिवस के मौके पर जम्मू कश्मीर पहुंचे हैं. इस मौके पर उन्होंने उन जवानों की शहादत को याद किया जिन्होंने 1999 के युद्ध में अपनी जान गवा दी थी, जम्मू में शहीदों के परिवारों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, मैं उन सभी जवानों को याद करता हूं जिन्होंने देश की सेवा के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर दी. हमारी सेना के जवानों ने जब भी जरूरत पड़ी है अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है, इसलिए मैं उन सभी जवानों को नमन करता हूं जिन्होंने 1999 के युद्ध में अपना बलिदान दिया. इस दौरान रक्षा मंत्री कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की.
कारगिल विजय दिवस के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस युद्ध में दुनिया का समर्थन भारत को नहीं मिला था लेकिन फिर भी भारत ने पूरी दम से इस युद्ध को लड़ा और जीत हासिल की. पाकिस्तान को इस युद्ध में मुंह की खानी पड़ी थी और पाकिस्तान फिर भी बाज नहीं आया तो फिर से उसे धूल चटाई जाएगी, इस युद्ध में भार का साथ दुनिया ने नहीं दिया. उन्होंने ये भी कहा कि हम पड़ोसी देशों से अच्छे रिश्ते चाहते हैं लेकिन कोई आंख दिखाने की कोशिश करेगा तो उसे मुँह तोड़ जवाब भी दिया जाएगा.
इस कार्यक्रम में बोलते हुए रक्षा मंत्री ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को भी याद किया. पंडित नेहरू का ज़िक्र करते हुए 1962 के युद्ध को याद कर राजनाथ सिंह ने कहा, ‘1962 में चीन ने लद्दाख में हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया था उस वक्त पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री थे. उनकी नीयत पर सवाल नहीं उठाया जा सकता, किसी भी प्रधानमंत्री की नीयत में खोट नहीं हो सकता लेकिन यह बात नीतियों पर नहीं लागू होती है, उनकी नीति गलत हो सकती है लेकिन नीयत नहीं. हालांकि अब भारत दुनिया के ताकतवर देशों में से एक है.’
केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार में बढ़ी तनातनी, आप ने लगाया पुलिस पर पोस्टर फाड़ने का आरोप