नई दिल्ली. गृहमंत्री अमित शाह के हिंदी को राष्ट्रीय भाषा बनाने के बयान का देशभर में विरोध है. साउथ सुपरस्टार रजनीकांत ने ”वन नेशन वन लैंगवेज” का विरोध करते हुए कहा कि हिंदी को किसी पर थोपा नहीं जाना चाहिए. रजनीकांत ने कहा कि तमिलनाडु ही नहीं बल्कि दक्षिण का कोई भी राज्य हिंदी को स्वीकार नहीं करेगा. सुपरस्टार ने आगे कहा कि सिर्फ हिंदी ही नहीं किसी भी भाषा को व्यक्ति के ऊपर नहीं थोपा जाना चाहिए.
अमित शाह के बयान का दक्षिण में भारी विरोध
गृह मंत्री अमित शाह के हिंदी को लेकर दिए बयान का विरोध करने वालों में बीजेपी के दिग्गज नेता और कर्नाटक के सीएम बीएस येदयुरप्पा भी शामिल हैं. साउथ स्टार कमल हासन ने भी हिंदी का विरोध जताया. वहीं तमिलनाडु के सीएम और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने अमित शाह के बयान को चौंकाने वाला बताया. एमके स्टालिन ने कहा कि गृहमंत्री का बयान भारत की एकता को प्रभावित करेगा.
हिंदी दिवस पर क्या बोले थे गृहमंत्री अमित शाह
हिंदी दिवस पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि भारत अलग-अलग भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है लेकिन पूरे देश की एक भाषा होना बेहद जरूरी है जो दुनिया में भारत की पहचान बने. आज देश को एकता की डोर में बांधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है तो वो सर्वाधिक बोले जाने वाली हिंदी भाषा ही है.
अमित शाह ने आगे कहा कि हमारे देश की सभी भाषाओं की व्यापकता और समृद्धता विश्व की किसी भी भाषा से बहुत अधिक है. वे देशवासियों से अपील करता हूं कि आप अपने बच्चों से, अपने सहकर्मियों से अपनी भाषा में बात कीजिए क्योंकि अगर हम ही अपनी भाषाओं को छोड़ देंगे तो उन्हें लंबे समय तक जीवित कैसे रखा जाएगा.
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