Rajinikanth on Amit Shah Hindi Language Controversy: नरेंद्र मोदी सरकार में गृहमंत्री अमित शाह ने हिंदी को वन नेशन वन लैंगवेज बनाने की बात कही जिसपर देश के कई हिस्सों में विरोध शुरू हो गया. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बाद साउथ सुपरस्टार रजनीकांत ने बयान का विरोध करते हुए कहा कि हिंदी को किसी पर थोपा नहीं जाना चाहिए.
नई दिल्ली. गृहमंत्री अमित शाह के हिंदी को राष्ट्रीय भाषा बनाने के बयान का देशभर में विरोध है. साउथ सुपरस्टार रजनीकांत ने ”वन नेशन वन लैंगवेज” का विरोध करते हुए कहा कि हिंदी को किसी पर थोपा नहीं जाना चाहिए. रजनीकांत ने कहा कि तमिलनाडु ही नहीं बल्कि दक्षिण का कोई भी राज्य हिंदी को स्वीकार नहीं करेगा. सुपरस्टार ने आगे कहा कि सिर्फ हिंदी ही नहीं किसी भी भाषा को व्यक्ति के ऊपर नहीं थोपा जाना चाहिए.
अमित शाह के बयान का दक्षिण में भारी विरोध
गृह मंत्री अमित शाह के हिंदी को लेकर दिए बयान का विरोध करने वालों में बीजेपी के दिग्गज नेता और कर्नाटक के सीएम बीएस येदयुरप्पा भी शामिल हैं. साउथ स्टार कमल हासन ने भी हिंदी का विरोध जताया. वहीं तमिलनाडु के सीएम और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने अमित शाह के बयान को चौंकाने वाला बताया. एमके स्टालिन ने कहा कि गृहमंत्री का बयान भारत की एकता को प्रभावित करेगा.
Rajinikanth: Hindi shouldn't be imposed. Not just Tamil Nadu but none of the southern states will accept imposition of Hindi. Not only Hindi, no language should be imposed. If there's a common language it's good for country's unity&progress but forcing a language isn't acceptable pic.twitter.com/cP3KzihTgw
— ANI (@ANI) September 18, 2019
हिंदी दिवस पर क्या बोले थे गृहमंत्री अमित शाह
हिंदी दिवस पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि भारत अलग-अलग भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है लेकिन पूरे देश की एक भाषा होना बेहद जरूरी है जो दुनिया में भारत की पहचान बने. आज देश को एकता की डोर में बांधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है तो वो सर्वाधिक बोले जाने वाली हिंदी भाषा ही है.
भारत विभिन्न भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है परन्तु पूरे देश की एक भाषा होना अत्यंत आवश्यक है जो विश्व में भारत की पहचान बने। आज देश को एकता की डोर में बाँधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है तो वो सर्वाधिक बोले जाने वाली हिंदी भाषा ही है। pic.twitter.com/hrk1ktpDCn
— Amit Shah (@AmitShah) September 14, 2019
अमित शाह ने आगे कहा कि हमारे देश की सभी भाषाओं की व्यापकता और समृद्धता विश्व की किसी भी भाषा से बहुत अधिक है. वे देशवासियों से अपील करता हूं कि आप अपने बच्चों से, अपने सहकर्मियों से अपनी भाषा में बात कीजिए क्योंकि अगर हम ही अपनी भाषाओं को छोड़ देंगे तो उन्हें लंबे समय तक जीवित कैसे रखा जाएगा.
हमारे देश की सभी भाषाओं की व्यापकता और समृद्धता विश्व की किसी भी भाषा से बहुत अधिक है।
मैं देशवासियों से आह्वान करता हूं कि आप अपने बच्चों से, अपने सहकर्मियों से अपनी भाषा में बात कीजिए क्योंकि अगर हम ही अपनी भाषाओं को छोड़ देंगे तो उन्हें लंबे समय तक जीवित कैसे रखा जायेगा। pic.twitter.com/J6JbaN1JJn
— Amit Shah (@AmitShah) September 14, 2019