जयपुर: इस साल के आखिर में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. हालांकि चुनाव से पहले ही राज्य में शासित कांग्रेस की अंदरूनी कलह ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही है. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि अगर सचिन पायलट पार्टी में […]
जयपुर: इस साल के आखिर में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. हालांकि चुनाव से पहले ही राज्य में शासित कांग्रेस की अंदरूनी कलह ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही है. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि अगर सचिन पायलट पार्टी में हैं तो साथ मिलकर काम क्यों नहीं करेंगे.
You win trust by giving trust. If everyone will walk together then our govt will be repeated. If you will remain loyal to the party then as Sonia Gandhi had said in the Convention that the one who keeps patience gets chance someday: Rajasthan CM Ashok Gehlot pic.twitter.com/BWGxZcVhuW
— ANI (@ANI) May 30, 2023
दरअसल अशोक गहलोत दिल्ली में हैं जहां पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या उन्हें भरोसा है कि पायलट उनके साथ मिलकर काम करेंगे? इसके काउंटर सवाल में जब उनसे पूछा गया कि पायलट की उनके साथ क्या भूमिका होगी तो इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भूमिका हाईकमान की होती है और उनके लिए पद मायने नहीं रखा है. गहलोत ने कहा कि वह तीन बार मुख्यमंत्री बन चुके हैं और उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी है. उन्होंने आगे कहा कि आज मेरी ड्यूटी है कि मैं उस दिशा में काम करूं कि सरकार राज्य में वापसी करे. हाईकमान यही चाहता है और मैंने भी जनता के लिए बहुत सारी योजनाएं बनाई हैं.
सचिन पायलट को लेकर सवाल पर राजस्थान CM अशोक गहलोत ने आगे कहा, हाईकमान के साथ मिलने के बाद कोई सहयोग क्यों नहीं करेगा। विश्वास देकर ही विश्वास जीता जाता है. हाईकमान ने हमपर विश्वास किया है कि अगर हम सब मिलकर चलेंगे तो सरकार हमारी आएगी। आज तक पार्टी में वफादारी से रहे हैं, आगे भी रहेंगे। सोनिया गांधी ने एक बार कहा था कि जो धैर्य रखता है उसको कभी न कभी मौका मिलता ही मिलता है.
गौरतलब है कि सोमवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दिल्ली में चार घंटे बैठक की थी. इस बैठक में राजस्थान कांग्रेस के झगड़े को सुलझाने पर भी सहमति बनी है. जानकारी के अनुसार चार घंटों तक चली इस बैठक में सचिन पायलट और अशोक गहलोत को साथ बैठाकर गिले-शिकवे दूर करवाने का प्रयास किया गया था. इसके अलावा पार्टी आलाकमान ने दोनों नेताओं से अलग-अलग बैठक भी की थी. बता दें, संगठन महासचिव केसी वेणुगापोल ने दोनों नेताओं के साथ मीडिया के सामने आकर एकजुटता से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी।
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