राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष निर्वाचित हो चुके हैं. नेहरू-गांधी परिवार के वारिस राहुल गांधी अब परिवार के नए राजनैतिक वारिस भी होंगे. राहुल गांधी ने साल 2003-04 से सक्रिय राजनीति में कदम रखा था. 2003 से राहुल अपनी मां सोनिया गांधी के साथ राजनीतिक गलियारों में दिखाई देने लगे थे. 2004 में राहुल अमेठी गए. अमेठी से उनका लगाव कोई नया नहीं था. उनके पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी अमेठी से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे.
नई दिल्लीः नेहरू-गांधी परिवार के वारिस राहुल गांधी अब परिवार के नए राजनैतिक वारिस भी होंगे. सोमवार को राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष निर्वाचित किया गया. उन्हें निर्विरोध पार्टी का अध्यक्ष चुन लिया गया है. राहुल गांधी ने साल 2003-04 से सक्रिय राजनीति में कदम रखा था. 2003 से राहुल अपनी मां सोनिया गांधी के साथ राजनीतिक गलियारों में दिखाई देने लगे थे. 2004 में राहुल अमेठी गए. अमेठी से उनका लगाव कोई नया नहीं था. उनके पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी अमेठी से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. बताया जाता है कि राहुल जब पहली बार अमेठी पहुंचे तो लोगों ने कांग्रेस के युवराज का इतना भव्य स्वागत किया कि अमेठी की सड़कों पर पैर रखने तक की जगह नहीं थी. राहुल के स्वागत में आसमान में फूल और गुलाल उड़ाया जा रहा था. 2004 में राहुल ने अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ा और भारी मतों से विजयी हुए. अब राहुल पिता की विरासत संभालने के लिए तैयार हो चुके थे.
19 जून, 1970 को दिल्ली में राहुल गांधी का जन्म हुआ था. वह अपनी बहन प्रियंका से बड़े हैं. राहुल के पिता देश के प्रधानमंत्री रहे, उनकी दादी देश की प्रधानमंत्री रहीं और उनके परनाना भी देश के प्रधानमंत्री रहे हैं.
राहुल गांधी की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के सेंट कोलंबस स्कूल और देहरादून में दून स्कूल से हुई है. देश में गांधी परिवार का कद कितना ऊंचा है, ये किसी को बताने की जरूरत नहीं है लिहाजा सुरक्षा कारणों से उन्हें अपनी अधिकतर पढ़ाई घर से भी करनी पड़ी थी.
राहुल ने 1989 में सेंट स्टीफन कॉलेज जॉइन किया, लेकिन पहले साल की परीक्षा देने के बाद वो हार्वर्ड यूनिवर्सिटी चले गए थे.
1991 में राहुल गांधी के पिता और तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या होने के बाद उन्हें अमेरिका के फ्लोरिडा में रॉलिंस कॉलेज में शिफ्ट कर दिया गया. साल 1994 में राहुल ने अपनी B.A. की डिग्री ली.
रॉलिंस कॉलेज में राहुल ‘राउल विंसी’ उपनाम से पढ़ाई कर रहे थे. मिली जानकारी के अनुसार, राहुल गांधी की सुरक्षा को देखते हुए उनका नाम बदला गया था. ये मामला मीडिया में भी काफी उछला था.
राहुल ने 1994-95 में ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से डेवलपमेंटल इकोनॉमिक्स की पढ़ाई की. उन्होंने 1995 में डेवलपमेंट स्टडीज में एमफ़िल भी किया.
विदेश में पढ़ाई पूरी करने के बाद राहुल गांधी ने लंदन में मॉनिटर ग्रुप में बतौर मैनेजमेंट कंसल्टेंट काम किया था. साल 2002 में राहुल भारत लौट आए.
राहुल गांधी अपनी निजी जिंदगी को सार्वजनिक करने में कोई दिलचस्पी नहीं रखते हैं. अक्सर उनकी गर्लफ्रेंड और शादी को लेकर अफवाहें उड़ती रहती हैं.
राहुल गांधी जापानी मार्शल आर्ट ‘आइकीडो’ में ब्लैक बेल्ट हैं. कुछ समय पहले उनकी ‘आइकीडो’ करते हुए तस्वीरें भी सामने आईं थीं.
दरअसल राहुल गांधी एक कार्यक्रम में लोगों के सवालों का जवाब दे रहे थे. इसी दौरान प्रोफेशनल बॉक्सर विजेंद्र सिंह ने उनसे फिटनेस पर सवाल किए थे. जिसके जवाब में राहुल ने बताया था कि वह जापानी मार्शल आर्ट ‘आइकीडो’ में ब्लैक बेल्ट हैं.
विजेंद्र सिंह ने उनसे दर्ख्वास्त की थी कि वह ‘आइकीडो’ प्रैक्टिस या फिर खेल के दौरान की तस्वीरें अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर शेयर करें. जिसके बाद राहुल के साथ ‘आइकीडो’ सीख रहे भरद नामक शख्स ने इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर किया था. राहुल गांधी ने अपने ट्विटर अकाउंट से इन फोटो को रीट्वीट किया था.
राहुल गांधी अक्सर अपनी नानी से मिलने वेनिस से कुछ दूर स्थित लुज़ीयाना जाते रहते हैं. राहुल के विदेश जाने पर अक्सर विपक्ष सवाल खड़े करता है.
राहुल गांधी के सक्रिय राजनीति में कदम रखने के बाद अक्सर उन्हें पार्टी की कमान सौंपे जाने की मांग उठी लेकिन हर बार राहुल इससे इनकार कर देते थे.
राहुल को पहले कांग्रेस का महासचिव बनाया गया फिर वह पार्टी के उपाध्यक्ष बने और अब कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए. RG और ‘रागा’ नाम से मशहूर राहुल गांधी अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच खासे लोकप्रिय हैं.
राहुल गांधी अक्सर अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहते हैं. सोशल मीडिया पर आए दिन उनके बयान वायरल होते हैं. पीएम नरेंद्र मोदी भी उन पर निशाना साधते रहते हैं, लेकिन गुजरात चुनाव से पहले सोशल मीडिया से लेकर व्यक्तिगत जीवन में राहुल बेहद बदले हुए अंदाज में नजर आए.
फेसबुक और ट्विटर पर एक्टिव राहुल ने चुटीले अंदाज में केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर निशाना साधना शुरू किया. नई ऊर्जा से भरपूर राहुल का यह नया अंदाज लोगों को काफी पसंद आ रहा है.
राहुल अपने पिता की तरह लोगों से मिलना पसंद करते हैं. अक्सर वह अपनी रैली के दौरान सुरक्षा की परवाह न करते हुए लोगों से हाथ मिलाते हैं, उनसे गले मिलते हैं और बातचीत करते हैं.
2014 में मोदी सरकार बनने के बाद वह ‘अरहर मोदी’, ‘मोदी फेयर एंड लवली स्कीम’, ‘सूट-बूट वाली सरकार’, ‘फौजियों के खून की दलाली’ और ‘गब्बर सिंह टैक्स’ जैसे बयान देकर सरकार को घेर चुके हैं.
गुजरात विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी का एक नया रूप देखने को मिला है. चुनाव से पहले उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष पद की कमान सौंप दी गई और इस बार वह बेहद संजीदगी से जनता से रूबरू हो रहे हैं. उनके भाषणों में संजीदगी की झलक साफ देखने को मिल रही है.
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि राहुल गांधी कांग्रेस में नई जान फूंकने का माद्दा रखते हैं और आने वाले दिनों में कांग्रेस में कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे. मसलन मणिशंकर अय्यर के ‘नीच’ वाले बयान पर राहुल का फौरन प्रतिक्रिया देना और कांग्रेस पार्टी द्वारा अय्यर को उसी दिन सस्पेंड करने से साफ झलकता है कि अब कांग्रेस में ऐसी बयानबाजी बिल्कुल नहीं चलेगी.
एक्शन मोड में आ चुके राहुल गांधी का यह फैसला यह भी दर्शाता है कि आने वाले दिनों में उन कांग्रेसी नेताओं के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी होने वाली हैं, जो सोनिया गांधी के अध्यक्ष रहते उल-जलूल बयानबाजी करते थे और सोनिया गांधी की नजरों से बचकर निकल जाते थे.