नई दिल्लीः आगामी लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी और कांग्रेस की तरह से लोकलुभावन दावे हो रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लोगों को साधने के लिए तरह-तरह के वादे-दावे कर रहे हैं. मोदी सरकार द्वारा सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा और फिर इसपर संवैधानिक मुहर लगने के बाद जहां इसे बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक कहा गया, वहीं 28 जनवरी को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित किसान रैली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा लोकसभा चुनाव में जीत के बाद लोगों को न्यूनतम आय की गारंटी देने की बात को भी कांग्रेस का मास्टर स्ट्रोक कहा जा रहा है. कांग्रेस के सीनियर नेता पी. चिदंबरम ने राहुल गांधी की इस घोषणा के बाद कहा कि यह स्कीम गरीबों के जीवन में महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगी. वहीं, मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा है कि हिंदुस्तान में न कोई गरीब भूखा रहेगा और न भूखा सोएगा. इन सबके बीच एक बात जानना सबसे जरूरी है कि आखिरकार न्यूनतम आय की गारंटी है क्या?
- राहुल गांधी ने वादा किया है कि कांग्रेस की सरकार बनने के बाद देश के हर गरीब नागरिक को सरकार गारंटी करके न्यूनतम आमदनी देगी. दरअसल, न्यूनतम आय की गारंटी एक तरह से यूनिवर्सल बेसिक इनकम (UBI) स्कीम की तरह ही है.
- पिछले साल मोदी सरकार ने यूनिवर्सल बेसिक इनकम की घोषणा की थी. इस स्कीम के दायरे में देश के सभी नागरिक आएंगे जिनमें बेरोजगार युवा के साथ ही किसान और व्यापारी भी शामिल होंगे. इस योजना के तहत देश के हर नागरिक को 2,000 से 2,500 रुपये तक हर महीने दिए जा सकते हैं.
- अगर आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत होती है और वह अपने वादे के अनुसार मिनिमन इनकम गारंटी स्कीम को लागू करती है तो सरकार को देश के हर गरीब नागरिक को एक निश्चित रकम एक निश्चित अंतराल पर देनी होगी.
- हालांकि, इस स्कीम के तहत जरूरतमंद यानी गरीब की परिभाषा क्या होगी, यह सरकार ही तय करेगी और फिलहाल इसके बारे में कुछ भी कहा नहीं गया है. इस स्कीम को लागू करने के पीछे सबसे बड़ी समस्या यही है कि सरकार इस स्कीम के जरूरतमंदों यानी गरीबों के सही आंकड़े कैसे जुटाएगी.
- कांग्रेस अध्यक्ष की इस घोषमा के बाद एक्सपर्ट की काफी प्रतिक्रियाएं आईं. एक्सपर्ट्स ने कहा कि जरूरतमंदों के खाते में डायरेक्ट कैश देकर उन्हें अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं लेने लायक तो बनाया जा सकता है, लेकिन आगे चलकर उनके बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी, इसकी क्या गारंटी है?
- साल 2016-17 के आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, भारत के जिन जिलों में सबसे ज्यादा गरीब हैं, उन्हें आज भी डायरेक्ट कैश नहीं मिल पाता, न ही उन्हें लोक कल्याणकारी योजनाओं का उतना लाभ मिल पाता.
- यूनिवर्सल बेसिक इनकम स्कीम जैसी सुविधाएं कई देशों की सरकारें जरूरतमंदों को दे रही हैं. ब्राजील, कनाडा, डेनमार्क, फिनलैंड, जर्मनी और आयरलैंड में भी वहां की सरकारें एक तरह से गरीबों को मिनिमम इनकम गारंटी देती है.
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