नई दिल्ली. कश्मीर मुद्दे पर सरकार के आक्रामक रुख को लेकर कांग्रेस में तीखी बहस के बीच पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर में हिंसा के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हुए ट्वीट किया. राहुल गांधी ने कहा कि सरकार के साथ उनके मतभेद अलग हैं लेकिन कश्मीर भारत का आंतरिक मुद्दा है. राहुल गांधी ने अलग-अलग ट्वीट किए जिनमें लिखा, जम्मू-कश्मीर में हिंसा है क्योंकि यह पाकिस्तान द्वारा उकसाया गया और समर्थित है जिसे दुनिया भर में आतंकवाद का प्रमुख समर्थक माना जाता है. मुझे यह पूरी तरह स्पष्ट करना चाहिए कि कश्मीर भारत का आंतरिक मुद्दा है और पाकिस्तान या किसी अन्य विदेशी देश के लिए इसमें हस्तक्षेप करने के लिए कोई जगह नहीं है.
बता दें कि राहुल गांधी के इस ट्वीट को डैमेज कंट्रोल के रूप में देखा जा रहा है. दरअसल सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के आदेश दिए. इसी के बाद विपक्ष ने उसके खिलाफ आवाज उठाई. इसी का फायदा उठाते हुए पाकिस्तान ने यूएन को भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदम के खिलाफ एक पत्र लिखा जिसमें राहुल गांधी का भी नाम लिया गया. पाकिस्तान के पत्र में राहुल गांधी का नाम आने से विवाद छिड़ गया. अब कहा जा रहा है कि राहुल गांधी इसी के सुधार में लगे हैं और अपना रुख देश के प्रति साफ कर रहे हैं.
इसी के बाद कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, आईएनसी ने जम्मू कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी सरकार द्वारा कथित रूप से दायर एक याचिका का हवाला देते हुए कई मीडिया रिपोर्ट देखी हैं. उस याचिका में झूठ को सही ठहराने और पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे गलत विचार को सही बनाने के लिए राहुल गांधी का नाम गलत तरीके से लिया गया है. उन्होंने कहा, बता दें कि दुनिया में किसी को भी यह संदेह नहीं है कि जम्मू, कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग हैं और हमेशा बने रहेंगे. पाकिस्तान द्वारा धोखे की कोई मात्रा इस अपरिवर्तनीय सत्य को नहीं बदलेगी. इसके बजाय, पाकिस्तान को पीओके-गिलगित-हुंजा-बाल्टिस्तान में मानवाधिकारों के अनुचित और अमानवीय उल्लंघन के बारे में दुनिया को जवाब देना चाहिए. पाकिस्तान 70 मिलियन से अधिक मोहाजिरों के उत्पीड़न और पाकिस्तानी बलों द्वारा 25,000 से अधिक की हत्या के लिए एक स्पष्टीकरण का भी श्रेय देता है.
उन्होंने कहा, यही नहीं, हजारों सहित बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन, जो लापता हो गए हैं, साथ ही विभिन्न एजेंसियों द्वारा उजागर किए जा रहे सामूहिक कब्रों का भी कभी जवाब नहीं दिया गया. पूरी दुनिया ने 13 जुलाई, 2018 को बलूचिस्तान अवामी आंदोलन द्वारा एक चुनावी रैली के दौरान 128 बेगुनाहों की भीषण हत्या देखी. पाकिस्तानी सेना द्वारा आदिवासी क्षेत्रों में पश्तून लोगों के मानवाधिकारों के घोर दुरुपयोग के साथ-साथ अहमदिया धार्मिक समुदाय के व्यवस्थित उत्पीड़न और अभियोजन का पाकिस्तान द्वारा जवाब दिया जाना बाकी है.
दुनिया को फिर से याद दिलाया जाए कि लगभग हर आतंकवादी संगठन राजनीतिक और सैन्य संरक्षण के तहत पाकिस्तान में पनपता है – चाहे वह लश्कर-ए-तैयबा हो, जैश-ए-मुहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन, अल-क़ायदा या तालिबान और इसके कई अपराध हों. हम आग्रह करते हैं कि पाकिस्तान को इन मुद्दों का जवाब देना चाहिए, दोनों को अपने लोगों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी, नकली कश्मीर बोगी को बढ़ाने के बजाय.
राहुल गांधी की सफाई पर शशी थरूर ने भी उनका समर्थन किया. उन्होंने ट्वीट करके कहा, “स्पॉट ऑन, चीफ! यह वही है, जिस पर आईएनसी ने सभी को जोर दिया है. जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. पाक के लिए कोई कारण नहीं है कि वह हमारे रुख से कोई सुविधा ले.
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