Raghunath Nambiar On Rafale Deal: एयर मार्शल रघुनाथ नांबियार बोले- मौजूदा राफेल डील में बिचौलिए की कोई भूमिका नहीं और पहले के मुकाबले 9 फीसदी सस्ती

Raghunath Nambiar On Rafale Deal: राफेल पर मचे घमासान के बीच भारतीय वायु सेना के एक बड़े अधिकारी ने अहम बयान दिया है. भारतीय वायु सेना के इस्टर्न एयर कमांड के एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ रघुनाथ नांबियार ने हमारे सहयोगी न्यूज एक्स से बातचीत में कहा है कि राफेल डील में दो सरकारों के बीच सीधे तौर पर खरीद-बिक्री हुई और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी. साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार में हुई राफेल डील साल 2008 के दौरान हुई डील से 9 फीसदी सस्ती है.

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Raghunath Nambiar On Rafale Deal: एयर मार्शल रघुनाथ नांबियार बोले- मौजूदा राफेल डील में बिचौलिए की कोई भूमिका नहीं और पहले के मुकाबले 9 फीसदी सस्ती

Aanchal Pandey

  • February 14, 2019 3:52 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्लीः राफेल डील को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार और कांग्रेस में जारी घमासान के बीच समय-समय पर भारतीय वायु सेना के बड़े अधिकारियों का बयान सामने आता रहता है. इसी सिलसिले में भारतीय वायु सेना के इस्टर्न एयर कमांड के एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ रघुनाथ नांबियार ने हमारे सहयोगी न्यूज एक्स के रिपोर्टर से लंबी बातचीत की. इस्टर्न एयर कमांड के शिलॉन्ग स्थित हेडक्वॉर्टर में बीते बुधवार को रधुनाथ नांबियार से बातचीत हुई.

उन्होंने कहा कि करगिल युद्ध के बाद ही वायुसेना में शक्तिशाली फाइटर जेट की जरूरत महसूस होने लगी थी. इसी दौरान वायु सेना ने केंद्र सरकार से इस बारे में बातचीत की. काफी विचार-विमर्श के बाद राफेल फाइटर जेट खरीदने पर सहमति बनी. हालांकि, तत्कालीन सरकार में इस पर बात ज्यादा आगे नहीं बढ़ी. बाद में 36 राफेल विमानों की खरीद को लेकर डील हुई, जो कि भारतीय वायु सेना की जरूरत है. राफेल पर मचे सियासी घमासान को लेकर रघुनाथ नांबियार ने कहा कि राफेल डील दो संप्रभु देशों के बीच हुई है, जिसमें भारत सरकार ने फ्रांस से रक्षा सामग्री खरीदी है.

रघु्नाथ नांबियार ने कहा कि इस डील में मिडलमैन की कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने कहा कि सितंबर 2016 में राफेल डील को लेकर हुआ समझौता इससे जुड़े पहले के प्रस्तावों से बेहतर है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2007-08 में राफेल से जुड़ी डील से 9 फीसदी ज्यादा सस्ती 2016 के दौरान हुई डील थी. मालूम हो कि बीते दिनों राफेल डील में मोलभाव करने के लिए बनी भारतीय टीम के चेयरमैन आरकेएस भदोरिया ने कहा था कि राफेल कॉन्ट्रैक्ट में किसी प्रकार की असहमति नहीं थी. नरेंद्र मोदी सरकार ने साल 2015 में फ्रांस से 36 राफेल विमानों की डील की थी. डील के अनुसार राफेल विमान की पहली खेप इस साल सितंबर में भारत पहुंचेगी.

उल्लेखनीय है कि रघुनाथ नांबियार भारतीय वायु सेना के इस्टर्न एयर कमांड के एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ हैं. अक्टूबर 2018 में वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ (वीसीएएस) अनिल खोसला के बाद रघुनाथ नांबियार की इस पद पर नियुक्ति हुई थी. उन्होंने करगिल युद्ध के दौरान मिराज 200 फाइटर जेट के जरिये 25 ऑपरेशंस को अंजाम दिया था. नांबियार ने मिराज 2000 समेत 42 अलग-अलग एयरक्राफ्ट उड़ाने का अनुभव है. उन्हें मिराज 2000 को 2,300 घंटे उड़ाने के साथ ही कुल 5,100 घंटे एयरक्राफ्ट फ्लाइंग का एक्सरपीरियंस है.

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