Pulwama Terror Attack: देश की रक्षा के लिए जान गंवाने वाले 37 सीआरपीएफ कर्मियों को नहीं मिलेगा शहीद का दर्जा, जानें क्या है वजह

Pulwama Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को आतंकी हमले में जान गंवाने वाले सीआरपीएफ के 37 जवानों को शहीद का दर्जा नहीं दिया जाएगा. दरअसल, सरकारी नियमों के मुताबिक पैरामिलिट्री फोर्सेस को ड्यूटी के दौरान जान गंवाने पर भी शहीद का दर्जा नहीं दिया जाता. वहीं थलसेना, नौसेना और वायुसेना के जवान अगर ड्यूटी के दौरान मारे जाते हैं तो उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाता है.

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Pulwama Terror Attack: देश की रक्षा के लिए जान गंवाने वाले 37 सीआरपीएफ कर्मियों को नहीं मिलेगा शहीद का दर्जा, जानें क्या है वजह

Aanchal Pandey

  • February 15, 2019 11:14 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर के पुलमावा में गुरुवार को केंद्रीय रिजर्व सुरक्षा बलों (सीआरपीएफ) के काफिले पर हुए अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले में 37 जवानों के शहीद होने के बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है. लोग संवेदनाएं जता रहे हैं और गुस्से का इजहार कर रहे हैं. लेकिन इन सबसे बीच एक बात ये भी आ रही है कि देश की सुरक्षा के लिए जान गंवाने वाले इन 37 जवानों को क्या शहीद का दर्जा नहीं मिलेगा. भले मुख्यधारा की मीडिया हो या सोशल मीडिया, इन पर पुलवामा में आतंकी हमले में जान गंवाने वाले सीआरपीएफ कर्मियों के लिए शहीद शब्द का प्रयोग किया जा रहा है, लेकिन अगर सरकारी नियमों का हवाला देते हुए कहें तो इन सीआरपीएफ कर्मियों को शहीद का दर्जा नहीं दिया जाएगा.

मालूम हो कि थलसेना, नौसेना और वायुसेना के जवान अगर ड्यूटी के दौरान मारे जाते हैं तो उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाता है. वहीं पैरामिलिट्री फोर्सेस, जैसे सीआरपीएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ, एसएसबी समेत अन्य फोर्स के जवान अगर ड्यूटी के दौरान मारे जाते हैं तो उन्हें शहीद का दर्जा नहीं दिया जाता है.

थल सेना, वायु सेना और नौसेना डिफेंस मिनिस्ट्री के तहत काम करते हैं. वहीं पैरामिलिट्री फोर्स गृह मंत्रालय के अंतर्गत आते हैं. पैरामिलिट्री के जवान इस बात को लेकर कई बार विरोध भी जता चुके हैं कि उन्हें कई सुविधाओं से वंचित रखा गया है.

यहां एक और बात का जिक्र करना जरूरी है कि शहीदों का दर्जा प्राप्त दिवंगत जवानों की फैमिली को राज्य सरकार की नौकरी में कोटा और एजुकेशन इंस्टिट्यूट में उनके बच्चों के सीटें आरक्षित होती हैं.

उल्लेखनीय है कि 14 फरवरी 2019 का दिन भारतीय सेना के लिए सबसे दुखद दिन बनकर सामने आया है, जब सीआरपीएफ ने पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले में अपने 37 जवान खो दिए. कश्मीर के पुलवामा में हुए इस आतंकी हमले में कई जवान घायल भी हैं. मृतकों में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के 12 जवान हैं.

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