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राहुल गांधी तो जीत गए, क्या प्रियंका जीत पाएंगी वायनाड ?

लोकसभा चुनाव 2024 विपक्ष के लिए एक सुनहरे सपने जैसे रहा है जहां चुनाव से छह महीने पहले सत्ता के आस-पास भी नही दिख रहा विपक्ष, अचानक कुर्सी के बगल में आकर खड़ा हो गया. इस लोकसभा चुनाव में किसी एक नेता को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है तो वो राहुल गांधी हैं. उन्होंने रायबरेली […]

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राहुल गांधी ने अपने बलबूते कांग्रेस को उसकी खोई हुई साख लौटाई
  • June 17, 2024 8:58 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 months ago

लोकसभा चुनाव 2024 विपक्ष के लिए एक सुनहरे सपने जैसे रहा है जहां चुनाव से छह महीने पहले सत्ता के आस-पास भी नही दिख रहा विपक्ष, अचानक कुर्सी के बगल में आकर खड़ा हो गया. इस लोकसभा चुनाव में किसी एक नेता को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है तो वो राहुल गांधी हैं. उन्होंने रायबरेली से 3.9 लाख वोट और वायनाड से 3.6 लाख वोटों से जीत दर्ज की. राहुल गांधी ने अपने बलबूते कांग्रेस को उसकी खोई हुई साख लौटाई और अब अपनी बहन प्रियंका गांधी को चुनाव मैदान में उतार दिया है.

वायनाड से होगी प्रियंका की राजनीति में एंट्री

प्रियंका गांधी राजनीति में एक्टिव तो पिछले कई सालों से हैं लेकिन उन्होंने आधिकारिक रूप से चुनाव लड़कर संसद में एंट्री नही की थी. लेकिन अब राहुल गांधी के रायबरेली सीट चुनने के बाद उनकी वायनाड के रण में एंट्री हो गई है. वायनाड सीट पर प्रियंका गांधी के नाम का एलान करते हुए राहुल गांधी ने कहा- लड़की हैं लड़ सकती हैं. क्योंकि यही वो नारा है जिसे लेकर प्रियंका गांधी महिलाओं के बीच में जाती रही हैं. सबसे बड़ा सवाल जो है वो कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने प्रियंका को मैदान में उतार तो दिया है क्या वो राहुल गांधी की तरह वायनाड की जनता को अपने पाले में कर पाएंगी ?

राहुल गांधी के जाने से क्या जनता होगी नाराज ?

राहुल गांधी ने रायबरेली और वायनाड सीट चुनने के बीच उन्होंने रायबरेली को चुना और वायनाड को छोड़ दिया. क्या इस बात का धक्का वायनाड की जनता को लगेगा ? राहुल गांधी ने सीट छोड़ते हुए कहा कि यदि मैं वायनाड का सांसद नही भी रहूंगा फिर भी मैं वहां आता रहूंगा. ये सब बोल राहुल गांधी वायनाड जनता को संदेश देना चाहते हैं कि वो उन्हें छोड़ नही रहे हैं फर्क सिर्फ इतना है कि उनकी जगह बहन प्रियंका गांधी वहां का नेतृत्व करेंगी.

वायनाड से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद प्रियंका गांधी ने कहा, “मैं वायनाड का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम होने के कारण बहुत खुश हूं और मैं वहां उनकी (राहुल गांधी की) अनुपस्थिति महसूस नहीं होने दूंगी. मैं कड़ी मेहनत करूंगी और सभी को खुश करने और एक अच्छा प्रतिनिधि बनने की पूरी कोशिश करूंगी. रायबरेली और अमेठी से मेरा बहुत पुराना रिश्ता है और इसे तोड़ा नहीं जा सकता. मैं रायबरेली में अपने भाई की भी मदद करूंगी. हम दोनों रायबरेली और वायनाड में मौजूद रहेंगे.”

वायनाड में कांग्रेस मजबूत

वायनाड सीट को एक मुस्लिम बहुल सीट के तौर पर देखा जाता रहा है हालांकि कोई सेंसस नही हुआ है जो जनसंख्या का सटीक नंबर बता सके. लेकिन इलेक्शन कमीशन ने वायनाड का जनसंख्या नंबर लगभग 45 प्रतिशत के आसपास का बताया था. तो हम यही मानकर चलते हैं. पूरे देश में जहां मुस्लिम जनसंख्या ज्यादा है वहां कांग्रेस को फायदा हुआ है.

वायनाड और पूरे केरल में कांग्रेस पार्टी की बूथ लेवल पर अच्छी पकड़ है वहां का कार्यकर्ता कांग्रेस के पक्ष में है जो वोट दिलाता है. प्रियंका गांधी की महिलाओं के बीच अच्छी पकड़ भी है. इन सब चीजों का फायदा प्रियंका गांधी को होगा. इसीलिए प्रियंका गांधी का वायनाड सीट से लोकसभा जाना लगभग तय माना जा रहा है. और उनकी वायनाड सीट से राहुल गांधी जैसी ही जीत की उम्मीद की जा रही है.

 

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