Sonbhadra Land Dispute Congress Priyanka Gandhi Dharna:उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सोनभद्र में गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने के बाद धरना खत्म कर दिया है. प्रियंका ने कहा कि उनसे 15 लोग मिलने आए जिसमें 2 को ही मिलने दिया. वहीं प्रियंका के समर्थन में मिर्जापुर पहुंच रहे प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर, दीपेंद्र हुड्डा, आरपीएन सिंह, राजीव शुक्ला, मुकुल वासनिक, जितिन प्रसाद समेत कई बड़े कांग्रेस नेताओं को वाराणसी एयरपोर्ट पर ही हिरासत में लिया गया. हालांकि बाद में उन्हें जाने की इजाजत दे दी गई.
मिर्जापुर. उत्तर प्रदेश का सोनभद्र नरसंहार मामला राजनीतिक तूल पकड़ गया है. पीड़ित परिवारों से मिलने की जिद्द पर धरना पर बैठीं राहुल गांधी की बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गेस्ट हाउस में ही सोनभद्र में गोलीबारी में मारे गए लोगों के 2 परिजनों से मुलाकात की. प्रियंका का आरोप है कि बाकि 13 परिजनों से उन्हें मिलने नहीं दिया गया. पीड़ितों से मुलाकात कर 26 घंटे बाद प्रियंका गांधी ने धरना खत्म किया. प्रियंका ने कहा कि उनका धरना देने का मकसद पूरा हो गया. इससे पहले प्रियंका ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर तंज कसते हुए कहा था कि पीड़ितों में से सिर्फ 2 ही लोगों ने उनसे मुलाकात की, बाकि लोगों को उनसे मिलने नहीं दिया गया. प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि भगवान जाने इनकी मानसिकता क्या है? आप थोड़ा (मीडिया) दबाव बनाइए, उन्हें आने दिजिए. आप सिर्फ मेरे पीछे पड़े हैं.
आरपीएन सिंह, राज बब्बर समेत कई कांग्रेस और टीएमसी नेता वाराणसी एयरपोर्ट पर हिरासत में लेने के बाद छोड़े गए
प्रियंका गांधी के धरने ने सिर्फ योगी सरकार ही नहीं बल्कि पूरे देश की राजनीति में खलबली मचा दी है. शुक्रवार दोपहर हिरासत में ली गईं प्रियंका गांधी के समर्थन कांग्रेस नेताओं ने मिर्जापुर गेस्ट हाउस पहुंचना शुरू कर दिया है. इस बीच कांग्रेस के यूपी प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर, दीपेंद्र हुड्डा, आरपीएन सिंह, राजीव शुक्ला, मुकुल वासनिक, जितिन प्रसाद समेत कई बड़े नेताओं को वाराणसी एयरपोर्ट पर ही रोककर हिरासत में ले लिया गया है. हालांकि बाद में सभी कांग्रेसी नेताओं को चुनार जाने की इजाजत दे दी गई.
क्या इन आँसुओं को पोंछना अपराध है? pic.twitter.com/HdPAEkGJGj
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 20, 2019
Priyanka Gandhi Vadra: Two relatives of victims have come here to meet me, 15 others are not being allowed to meet me. Even I am not being allowed to meet them. Bhagwan jane inki mansikta kya hai? Aap thoda dawab banayiya, unhe aana dijiye. Mere pichhe pade hain. pic.twitter.com/49WkEL1URC
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 20, 2019
Congress leaders Deepender Singh Hooda, Mukul Wasnik, Raj Babbar, Ratanjit Pratap Narain Singh, Jitin Prasada and Rajeev Shukla have been stopped at Varanasi airport by police. They were on their way to Sonbhadra to meet the victims of firing case. pic.twitter.com/d4GZXvkjaZ
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 20, 2019
वहीं पीड़ित परिजनों से मिलने पहुंच रहे टीएमसी नेताओं को भी एयरपोर्ट पर रोका गया तो उन्होंने वहीं पर धरना देना शुरू कर दिया. हालांकि, कुछ समय बाद प्रशासन ने उन्हें वाराणसी के अस्पताल में भर्ती घायलों और उनके परिजनों से मिलने की अनुमती दे दी.
Trinamool Congress (TMC) delegation sit on a dharna at Varanasi airport, after they were stopped by police at the airport. They were on their way to meet the victims of Sonbhadra's firing case. pic.twitter.com/MS86BGTQDX
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 20, 2019
मायावती ने भी साधा योगी सरकार पर निशाना
प्रियंका गांधी को सोनभद्र नरसंहार के पीड़ितों से मिलने से रोकने के बाद यूपी की पूर्व सीएम और बसपा प्रमुख मायावती ने भी सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है. मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा ”यूपी सरकार जान-माल की सुरक्षा व जनहित के मामलें में अपनी विफलता को छिपाने के लिए धारा 144 का सहारा लेकर किसी को सोनभद्र जाने नहीं दे रही है. फिर भी उचित समय पर वहाँ जाकर पीड़ितों की यथासंभव मदद कराने का बीएसपी विधानमण्डल दल को निर्देश. सरकारी लापरवाही इस नरसंहार का मुख्य कारण.”
यूपी सरकार जान-माल की सुरक्षा व जनहित के मामलें में अपनी विफलता को छिपाने के लिए धारा 144 का सहारा लेकर किसी को सोनभद्र जाने नहीं दे रही है। फिर भी उचित समय पर वहाँ जाकर पीड़ितों की यथासंभव मदद कराने का बीएसपी विधानमण्डल दल को निर्देश। सरकारी लापरवाही इस नरसंहार का मुख्य कारण।
— Mayawati (@Mayawati) July 20, 2019
क्या है सोनभद्र नरसंहार का पूरा मामला
यूपी के सोनभद्र में जमीन से जुड़े विवाद में 32 ट्रैक्टर ट्रॉलियों में आए करीब 200 लोगों ने गांव के आदिवासियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग करने के बाद लाठी-डंडों से सबकी पिटाई की. इस दौरान 10 लोगों की जान चल गई जबकि काफी संख्या में लोग घायल हो गए. इस नरसंहार के आरोपी ग्राम प्रधान सहित 11 नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है. साथ ही पुलिस ने हथियारों को भी बरामद कर लिया है. पुलिस ग्राम प्रधान के भतीजे सहित 24 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. हालांकि मुख्य आरोपी ग्राम प्रधान फरार है जिसकी तलाश पुलिस कर रही है.