Priyanka Gandhi Congress General Secretary: प्रियंका गांधी को कांग्रेस का महासचिव बना कर कांग्रेस ने बीजेपी को बड़ा सरप्राइज और चैलेंज दिया है. इस फैसले का असर आम चुनाव 2019 पर भी पड़ेगा. बता दें कि प्रियंका गांधी के आने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार हुआ है.
नई दिल्ली. प्रियंका गांधी को महासचिव बना कर कांग्रेस ने बीजेपी को बड़ा सरप्राइज दिया है. यूं तो राजनीति में प्रियंका की इंट्री की मांग काफी पहले से कांग्रेस कार्यकर्ता कर रहे थे. लेकिन इधर यह मसला ठंडे बस्ते में थी. प्रियंका गांधी खुद अभी विदेश में हैं. इसी बीच कांग्रेस ने प्रियंका को महासचिव बनाते हुए बीजेपी को बड़ा चैलेंज दे दिया है. प्रियंका को न केवल महासचिव बल्कि पूर्वी यूपी का प्रभारी भी बनाया गया है. जो लोकसभा चुनाव 2019 के नजरिए से कांग्रेस की बड़ी रणनीति नजर आ रही है.
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए यूपी में जिस तरह का सियासी समीकरण बना, उसमें कांग्रेस एकला चलो की राह पर थी. समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) ने आपस में गठबंधन कर कांग्रेस को अकेला कर दिया था. अब कांग्रेस ने प्रियंका पर बड़ा दांव चला है. चुनाव विशेषज्ञों की नजर में कांग्रेस का यह दांव बीजेपी सहित सपा-बसपा-रालोद महागठबंधन के लिए बड़ी चुनौती होगी.
Congress President Rahul Gandhi on Priyanka Gandhi: Mujhe personally bahut khushi ho rahi hai ki woh ab mere saath kaam karengi, woh bahut karmat hain. Jyotiraditya Scindia bhi bahut dynamic leader hain. BJP wale ghabraaye hue hain. pic.twitter.com/8QpfJjJdO3
— ANI (@ANI) January 23, 2019
Sambit Patra, BJP on #PriyankaGandhiVadra appointed Congress General Secretary for East UP: Expected, to promote dynasty is what Congress is all about. They consider family as the party while BJP considers party as the family. Congress has accepted that Rahul Gandhi Ji has failed pic.twitter.com/NlTdF2LmxS
— ANI (@ANI) January 23, 2019
प्रियंका को महासचिव बनाए जाने पर टिप्पणी करते हुए बीजेपी प्रवक्ता सांबित पात्रा ने इसे वंशवाद की परंपरा बताया है. दूसरी तरह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि प्रियंका कर्मठ नेता है. मुझे खुशी है कि हम दोनों अब साथ में काम करेंगे. साथ ही राहुल ने यह भी कहा कि बीजेपी घबराई हुई है. प्रियंका का महासचिव बनाया जाना बीजेपी और सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन की राह कितना मुश्किल करेगा यह तो आने वाला वक्त बताएगा लेकिन इतना तय है कि प्रियंका की राजनीति में इंट्री से कांग्रेस को मजबूती मिलेगी.
प्रियंका गांधी के पास अमेठी और रायबरेली में लोकसभा चुनाव प्रचार का पर्याप्त अनुभव है. अब वो पूर्वी यूपी में इस अनुभव का लाभ उठाते हुए विपक्षी दलों को कड़ी चुनौती देंगी. पूर्वी यूपी जहां सवर्ण वोटर बड़ी संख्या में है, वहां लोकसभा चुनाव में मुकाबला त्रिकोणीय होगा. प्रियंका की पकड़ पार्टी के साथ-साथ परिवार में भी है. जो उम्मीदवारों के चयन से लेकर रणनीति बनाने में कांग्रेसी नेताओं को मदद देगी.