नई दिल्लीः भारत की अर्थव्यवस्था कृषि प्रधान है जहां करोड़ों लोगों की जीविका का सबसे बड़ा जरिया खेती-किसानी ही है. किसानों की असंतुष्टि को कम करने के लिए सरकार समय-समय पर उनके लिए कृषि प्रधान योजनाएं बनाती है और किसानों या उनकी खेती के लिए तरह-तरह से लाभ देने की कोशिश करती है. इसी कोशिश में एक है- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना. इसका उद्देश्य है- हर खेत को पानी. कृषि सिंचाई योजना का मुख्य लक्ष्य है कि सिंचाई विभाग में निवेश को आकर्षित किया जा सके जिससे खेती योग्य जमीन का विस्तार हो सके और अच्छी किस्म की फसल मिले. इस योजना के लिए सरकार ने 50 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.
मालूम हो कि इस योजना को राष्ट्रीय सिंचाई परियोजना के तहत रखा गया है. यह योजना केंद्रीय सरकार द्वारा अंतर मंत्रालय नैशनल स्टीयरिंग कमिटी (एनएससी) के द्वारा चलाई जा रही है. इस योजना का प्रमुख लक्ष्य है- कृषि विभाग में पानी का सही प्रबंधन और उसका सही रख रखाव. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत सरकार किसानों को सिंचाई के उन उपकरणों पर भारी सब्सिडी देती है जिनमें पानी, खर्च और मेहनत की बचत होती है.
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की शुरुआत केंद्र सरकार द्वारा 2 जुलाई 2015 को की गई थी. इसका उद्देश्य देश में कृषि से जुड़े सभी खेतों तक सुरक्षात्मक सिंचाई के कुछ साधनों की पहुंच सुनिश्चित करना और हर बुंद अधिक फसल का उत्पादन करना है जिससे ग्रामीण इलाकों की उन्नति हो. पीएमकेएसवाई के तहत दिसंबर 2019 तक मिशन मोड में पूरा करने के लिए 90 मौजूदा सिंचाई परियोजनाओं को चिन्हित किया गया है.
इस योजना का लाभ किन किसानों को और कैसे मिलेगा?
मालूम हो कि इस योजना का लाभ सभी वर्ग के किसानों को दिया जा रहा है. हालांकि इसका लाभ वहीं किसान उठा पाएंगे जिनके पास खुद की खेती और सिंचाई स्रोत हों. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का लाभ सहकारी समिति के सदस्यों, सेल्फ हेल्प ग्रुप, पंचायती राज संस्थाओं, गैर सहकारी संस्थाओं, फार्मर्स ग्रुप समेत अन्य किसानों को दिया जा रहा है.
इन बातों का जरूर रखें ध्यान, तभी मिलेगा लाभ
उल्लेखनीय है कि अगर किसी किसान को एक बार इस योजना का लाभ मिल जाता है तो वह 7 साल के बाद ही फिर से इस योजना का लाभ ले सकता है. इच्छुक लाभार्थी किसान अपने-अपने राज्य के एग्रीकल्चर पोर्टल यानी किसान पारदर्शी योजना पोर्टल, जैसे- यूपी का http://upagriculture.com/pm_sichai_yojna.html पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर इस योजना का लाभ ले सकते हैं. रजिस्ट्रेशन के लिए किसान के पास आधार कार्ड, कृषि भूमि की पहचान के लिए खतौनी और अनुदान की राशि के ट्रांसफर के लिए बैंक पासबुक के पहले पेज की कॉपी अनिवार्य है.
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) को पहले से संचालित योजनाओं क्रमशः जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय के त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम, भूमि संसाधन विभाग के समेकित वॉटरशेड प्रबंधन कार्यक्रम और कृषि एवं सहकारिता विभाग के राष्ट्रीय टिकाऊ कृषि मिशन के खेत पर जल प्रबंधन घटक के एकीकरण से विकसित किया गया है.
इस योजना में 75 फीसदी अनुदान केंद्र और 25 फीसदी खर्च राज्यों के जिम्मे होगा. पूर्वोत्तर क्षेत्र और पर्वतीय राज्यों में केंद्र का अनुदान 90 फीसदी तक होगा. मालूम हो कि सिंचाई में निवेश में एकरूपता लाना, ‘हर खेत हो पानी’ के तहत कृषि योग्य क्षेत्र का विकास करने के लिए, खेतों में ही जल को इस्तेमाल करने की दक्षता को बढ़ाना, ताकि पानी की बर्बादी को कम किया जा सके जैसे लक्ष्य रखे गए हैं.
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