नई दिल्ली, राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बड़ी घोषणा हो गई है, 15 जून को राष्ट्रपति चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होगी और 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग होगी. 21 जुलाई को वोटों की गिनती की जाएगी, इस दिन देश को अपना 16वां राष्ट्रपति मिलेगा. मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म होने वाला है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 62 के अनुसार, अगले राष्ट्रपति का चुनाव मौजूदा राष्ट्रपति के कार्यकाल के खत्म होने से पहले करवाया जाना ज़रूरी है. साल 2017 में चुनाव 17 जुलाई को आयोजित हुए थे, जिनके नतीजे तीन दिन बाद 20 जुलाई को घोषित हुए थे.
चुनाव लड़ने वाला भारत का नागरिक होना चाहिए, उसकी उम्र 35 वर्ष से ज्यादा होनी चाहिए. चुनाव लड़ने वाले में लोकसभा का सदस्य होने की पात्रता होनी चाहिए और उसके इलेक्टोरल कॉलेज के पचास प्रस्तावक और पचास समर्थक होने चाहिए.
राष्ट्रपति चुनाव में आम जनता वोट नहीं डालती बल्कि सभी राज्यों के विधायक और लोकसभा-राज्यसभा के सदस्य वोट चुनाव में वोट डालते हैं. इनके मतों के जरिए ही नया राष्ट्रपति चुना जाता है. बता दें इस बार राष्ट्रपति के चुनाव में सांसदों के मत का मूल्य घट सकता है, इस बार राष्ट्रपति चुनाव में एक सांसद के मत का मूल्य 708 से घटकर 700 हो सकता है. हालांकि हर राज्य में सांसद और विधायक जब राष्ट्रपति चुनावों के लिए अपने वोट का इस्तेमाल करते हैं तो वोट का मूल्य अलग होता है.
राष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों के चुनावी कॉलेज के सदस्यों और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी समेत सभी राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा किया जाता है, इसके लिए संसद भवन और विधानसभा में वोटिंग होती है. वोट देने के लिए विधायकों को 1,2,3 लिखकर पसंद बतानी होगी.
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