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मात्र 40 दिन में आरएसएस, बीजेपी और मोदी का सिरदर्द बन गई है प्रवीण तोगड़िया की अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को यह शख्स दे रहा है चुनौती. महज 40 दिनों के अंदर इस शख्स ने वह कर दिखाया जिसके लिए RSS को 10 से 20 साल लगे होंगे. यह शख्स कोई और नहीं बल्कि विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के पूर्व अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया हैं. VHP से अलग होने के बाद प्रवीण भाई तोगड़िया ने 'अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद' की स्थापना की.

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RSS Mohan bhagwat Pravin Togadia AHP
  • August 8, 2018 1:37 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्लीः कोई उनको इतना सीरियस नहीं ले रहा था, ना ही संघ परिवार के नेता और ना ही विपक्षी पार्टी के दिग्गज और ना ही देश की मीडिया. लेकिन महज 40 दिनों के अंदर उस बंदे ने वो कर दिखाया है कि जिसके लिए आरएसएस को दस से बीस साल लगे होंगे. प्रवीण भाई तोगड़िया ने जब अपने नए संगठन का ऐलान किया था और ‘हिंदू ही आगे’ का नारा दिया था तो हर किसी के दिमाग में यही सवाल था कि इस देश को एक और हिंदूवादी संगठन की क्यों जरुरत पड़ेगी? उनको लग रहा था कि संघ से कटकर अलग कुछ करने की सोचने वाले जैसे बाकी लोगों का हश्र हुआ, उनका भी होगा.

लेकिन पिछले करीब 40 दिनों में जो हुआ है, उससे लगता नहीं है ऐसा कुछ होने जा रहा है बल्कि लग रहा है कि इतनी ही तेजी से प्रवीण तोगड़िया के संगठन ने पांव फैलाने जारी रखे तो 2019 में पीएम मोदी के लिए मुश्किल पैदा कर सकते हैं तोगड़िया. तब लग रहा था कि संघ के कार्यकर्ता क्यों जाएंगे तोगड़िया के साथ? इतना बड़ा ढांचा और पूरे देशभर में और सभी वर्गों के बीच संघ की तरह वो कैसे खड़े कर पाएंगे जबकि उनके पास जो भी फंडिंग थी, वो संघ के शुभचिंतकों की थी. 24 जून, 2018 को दिल्ली में प्रवीण तोगड़िया ने जब अपने नए रास्ते का ऐलान किया था, तब भी लोगों को उनसे ज्यादा उम्मीद नहीं थी.

लेकिन प्रवीण भाई तोगड़िया ने सबको गलत कर दिखाया है. आप देश की बात छोड़ दें, उनके प्रचारक एशिया के कई देशों के लिए निकल चुके हैं. वो एक साथ कई फ्रंट पर काम कर रहे हैं. उत्तर भारत के कई राज्यों में उनके 7-8 संगठनों की कार्यकारिणी ही घोषित नहीं हो चुकीं, त्रिशूल दीक्षा जैसे कार्यक्रम भी शुरू हो चुके हैं. दिल्ली में 12 अगस्त को है. ऐसे में संघ से कितने बातों में समान है उनका संगठन ‘अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद’ और उसके सहयोगी संगठन और कितनी बातों में उसने RSS से बिलकुल अलग ही लाइन ली है. कहां-कहां फैल चुकी हैं, उसकी जड़ें, देखिए ये खास वीडियो रिपोर्ट विष्णु शर्मा के साथ.

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