Prashant Kishor on JDU Supporting CAB: लोकसभा में नरेंद्र मोदी सरकार के नागरिकता संशोधन विधेयक को नीतीश कुमार की जेडीयू का समर्थन मिलने से पार्टी उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर नाराज हो गए. उन्होंने कहा कि जिस पार्टी के संविधान के पहले पन्ने पर तीन बार सेक्युलर शब्द लिखा उसका इस विधेयक को समर्थन बेमेल है.
नई दिल्ली. हर मौके पर सेक्युलर पार्टी होने का दावा करती रही बिहार सीएम नीतीश कुमार की जेडीयू ने लोकसभा में नरेंद्र मोदी सरकार के नागरिकता संशोधन विधेयक बिल का समर्थन किया. लेकिन जनता दल यूनाइटेड का इस बिल को समर्थन उनके पार्टी उपाध्यक्ष और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर को रास नहीं आया. ट्वीट कर उन्होंने अपनी नाराजगी भी जताई.
प्रशांत किशोर ने ट्वीट में कहा वे जेडीयू के नागरिकता संशोधन विधेयक को समर्थन से निराश हैं. किशोर ने कहा कि यह विधेयक नागरिकता के अधिकार से धर्म के आधार पर भेदभाव करने वाला है जो जेडयू के संविधान से बिल्कुल भी मेल नहीं खाता क्योंकि उसके पहले पन्ने पर ही तीन बार सेक्युलर (धर्मनिरपेक्ष) शब्द आता है. प्रशांत किशोर ने ट्वीट में आगे कहा कि पार्टी का नेतृत्व राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सिद्धांतों को मानने वाला है.
प्रशांत किशोर की नागरिकता संशोधन विधेयक पर नाराजगी बिहार की राजनीति में हलचल मचा सकती है. पहले भी तीन तलाक समेत कई ऐसे मुद्दे रहे जिनमें जेडीयू और उसके प्रमुख नीतीश कुमार केंद्र की भाजपा सरकार के गठबंधन साथी होते हुए भी समर्थन में नहीं रहे. इस हिसाब से प्रशांत किशोर का सवाल उठाना जायज भी है क्योंकि लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने जब विधेयक रखा तो विपक्षी दलों में काफी नाराजगी देखने को मिली.
Disappointed to see JDU supporting #CAB that discriminates right of citizenship on the basis of religion.
It's incongruous with the party's constitution that carries the word secular thrice on the very first page and the leadership that is supposedly guided by Gandhian ideals.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 9, 2019
लोकसभा में जेडीयू के रंजन सिंह ने कहा विधेयक किसी तरह से धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ नहीं
जहां जेडीएयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर पार्टी के स्टैंड से नाराज हैं तो वहीं पार्टी सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने लोकसभा में कहा कि सदन में लोग अपने हिसाब से धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा बता रहे हैं. लेकिन यह विधेयक किसी के खिलाफ नहीं है. रंजन सिंह ने समर्थन देते हुए आगे कहा कि पहले पूर्वोत्तर के लोगों को कुछ शंकाएं थीं जो दूर हो गईं. रंजन ने आगे कहा कि जो लोग सालों से न्याय की उम्मीद में थे यह विधेयक उन्हें राहत देगा.