छत्तीसगढ़: जानें सरगुजा के ‘किंग’ कहलाने वाले नए डिप्टी CM टीएस सिंहदेव की सियासी ताकत

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को कुछ ही समय बाकी है इस बीच राज्य की कांग्रेस सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव को राज्य का डिप्टी सीएम बना दिया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस नियुक्ति की सराहना की है और सिंहदेव को महाराज साहब बताते हुए बधाई दी. कहा जा रहा […]

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छत्तीसगढ़: जानें सरगुजा के ‘किंग’ कहलाने वाले नए डिप्टी CM टीएस सिंहदेव की सियासी ताकत

Riya Kumari

  • June 29, 2023 12:34 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को कुछ ही समय बाकी है इस बीच राज्य की कांग्रेस सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव को राज्य का डिप्टी सीएम बना दिया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस नियुक्ति की सराहना की है और सिंहदेव को महाराज साहब बताते हुए बधाई दी. कहा जा रहा है कि सीएम बघेल के साथ जारी सिंहदेव की खींचतान से बचने के लिए और राज्य में अंदरूनी कलह से बचने के लिए पार्टी ने ये कदम उठाया है. लेकिन ये फैसला कई मायनों में कांग्रेस को फायदा भी दे सकता है इसके पीछे की वजह टीएस सिंहदेव की सियासी ताकत है.

बिगड़ सकता है सियासी खेल

सिंहदेव की सियासी ताकत का ही नतीजा है कि विधानसभा चुनाव से महज कुछ समय पहले कांग्रेस ने उन्हें मनाने के लिए डिप्टी सीएम पद सौंपा है. टीएस सिंहदेव कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में शामिल हैं जो अंबिकापुर के विधायक हैं. उनकी छत्तीसगढ़ के उत्तरी हिस्से में सरगुजा में मजबूत पकड़ रही है. इसके अलावा सरगुजा शाही परिवार के वंशज पार्टी आलाकमान के भरोसेमंदों में गिने जाते हैं.

उनका 6 जिले से बने सरगुजा संभाग की 14 सीटों पर सीधा असर है. ये वही संभाग है जिसे छत्तीसगढ़ की सियासत की चाबी कहा जाता है. साल 20018 के चुनाव में कांग्रेस इसी के कारण बड़े वोटों के अंतर से जीत पाई थी.

बीजेपी में जाने की थीं अटकलें

दरअसल सिंहदेव ने अंबिकापुर में 13 जून को कांग्रेस के संभागीय सम्मेलन में कहा था कि उन्होंने हाल ही में दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की थी. उनके इस बयान के बाद अटकलें लगाई जाने लगीं की जल्द ही वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं. हालांकि पार्टी बदलने की बात से उन्होंने इनकार कर दिया था. इसी डर से कांग्रेस ने उन्हें डिप्टी सीएम का पद सौंपा है. दूसरी ओर ये निर्णय राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर मतभेदों को दूर करने के लिए भी लिया जा सकता है. हालांकि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इस तरह का निर्णय लेना नतीजों पर प्रतिकूल प्रभाव भी डाल सकता है.

 

तीन बार रहे विधायक

– टीएस सिंहदेव तीन बार से विधायक रह चुके हैं जहां वह साल 2008 में पहली बार सरगुजा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए थे. 980 मतों के मामूली अंतर से उन्होंने जीत हासिल की थी. ये सीट पहले से ही ST उम्मीदवारों के लिए आरक्षित थी लेकिन परिसीमन के बाद साल 2008 में यह सामान्य सीट बन गई थी, जो 2013 तक बरकरार रही. उन्होंने अपना तीसरा चुनाव साल 2018 में जीता जिसमें वह करीब 40 हजार मतों के अंतर से जीते और उन्हें स्वास्थ्य, वाणिज्यकर, पंचायत व ग्रामीण मंत्री बनाया गया.

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