जयपुर. राजस्थान कांग्रेस में इस समय सब ठीक नज़र नहीं आ रहा है, दरअसल, राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए इस वक्त जोरदार घमासान देखने को मिल रहा है. रविवार 7 बजे कांग्रेस की बैठक बुलाई थी. इस बीच खबर आ रही है कि गहलोत समर्थक 92 विधायक किसी भी वक्त इस्तीफ़ा दे दिया […]
जयपुर. राजस्थान कांग्रेस में इस समय सब ठीक नज़र नहीं आ रहा है, दरअसल, राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए इस वक्त जोरदार घमासान देखने को मिल रहा है. रविवार 7 बजे कांग्रेस की बैठक बुलाई थी. इस बीच खबर आ रही है कि गहलोत समर्थक 92 विधायक किसी भी वक्त इस्तीफ़ा दे दिया है. ये विधायक कुछ देर पहले कांग्रेस शांति धारीवाल के घर जमा हुए, जिसके बाद इन्होने अब अपना इस्तीफ़ा स्पीकर को सौंप दिया है.
इस संबंध में कांग्रेस नेता प्रताप खाचरियावास ने कहा है कि हमारी मीटिंग हो गई है. हमारे साथ 92 विधायक हैं, और उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया है. इन विधायकों का कहना है कि नए सीएम के चयन में उनकी राय नहीं ली गई है इसलिए वो बेहद नाराज़ हैं और उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया है.
राजस्थान के घमासान के बीच कांग्रेस हाईकमान एक्शन में आ गया है. सोनिया गांधी की तरफ से पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे को संदेश दिया गया है कि चाहे सारी रात बैठना पड़े लेकिन इस समस्या का आज ही समाधान निकलना चाहिए, वहीं कांग्रेस नेतृत्व का संदेश है कि खड़गे और माकन एक-एक विधायक से बात करें और उन्हें समझाने की कोशिश करें.
बता दें कि वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने जा रहे हैं, ऐसे में उन्हें मुख्यमंत्री का पद तो छोड़ना ही पड़ेगा. अब सचिन पायलट को सीएम बनाए जाने की उम्मीद सबसे ज्यादा है. लेकिन कांग्रेस के लिए ये फैसला इतना आसान नहीं होने वाला है. गहलोत गुट के विधायक पायलट को सीएम बनाने का विरोध कर रहे हैं.
बता दें अशोक गहलोत रविवार को जैसलमेर में तनोट माता के मंदिर में दर्शन और पूजा के लिए पहुंचे थे, इसी दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मीडिया में ये खबरें आ रही हैं कि वह मुख्यमंत्री का पद नहीं छोड़ना चाहते हैं, उन्होंने कहा कि उनके लिए कोई पद पार्टी से बड़ा नहीं है. अशोक गहलोत ने कहा ’मैंने अगस्त में ही आलाकमान से कहा है कि अगला चुनाव ऐसे व्यक्ति के नेतृत्व में लड़ा जाना चाहिए जिससे प्रदेश में फिर से कांग्रेस सत्ता में आ सके. चाहे इसके लिए मेरे नेतृत्व में चुनाव हो या किसी और के नेतृत्व में, जीत पार्टी की होनी चाहिए’.उन्होंने कहा कि राजस्थान एकमात्र बड़ा राज्य बचा है, जहाँ कांग्रेस सत्ता में है, इसलिए इसे बनाए रखना है.