नई दिल्ली. नई दिल्ली: वन नेशन वन इलेक्शन यानी एक राष्ट्र एक चुनाव के मुद्दे पर बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक खत्म हुई. इस बैठक में एनसीपी प्रमुख शरद पवार, सीपीआईएम से सीताराम येचुरी, सीपीआई से डी राजा, जेडीयू से नीतीश कुमार, अकाली दल से सुखबीर सिंह बादल, बीजू जनता दल से नवीन पटनायक और नेशनल पीपुल्स पार्टी से कोनराड संगमा शामिल हुए. कुल मिलाकर इस बैठक में 21 पार्टियां शामिल हुईं जबकि 3 पार्टियों ने इस विषय पर लिखित में अपने जवाब भेजा. इनके अलावा 16 पार्टियों ने इस बैठक का बायकॉट किया.
मीटिंग खत्म होने के बाद रक्षा मंत्री राजथान सिंह ने एक देश एक चुनाव के मुद्दे पर हुई सर्वदलीय बैठक के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि ज्यादातर पार्टियों ने एक राज्य एक चुनाव के विचार को समर्थन दिया है. सीपीआईएम और सीपीआई का विचार अलग है लेकिन उन्होंने आइडिया का विरोध नहीं किया है सिर्फ उसके कार्यान्वयन को लेकर विरोध है. रक्षा मंत्री राजथान सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि एक राष्ट्र एक निर्माण को लेकर एक कमेटी का गठन किया जाएगा जो एक निश्चित समय में अपना सुझाव देगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान ‘एक देश-एक चुनाव’ का मुद्दा जोरशोर से उठाया था. अब प्रधानमंत्री ने इसी पर एक कदम आगे बढ़ाते हुए, सभी राजनीतिक दलों के प्रमुख और राज्यों के मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया है. हालांकि, विपक्ष इस बैठक में शामिल होने के एकमत नहीं है. ममता बनर्जी ने आने से इनकार कर दिया था.
AIDMK के डी जयाकुमार बैठक में शामिल होने दिल्ली पहुंचे
सीपीएम के महासचिव प्रकाश करात भी होंगे बैठक में शामिल
एक देश एक चुनाव
वन नेशन वन पोल यानी एक देश-एक चुनाव का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान भी उठाया था. चुनावों में जिस पैमाने पर धन खर्च होता है उस लिहाज से यह फैसला देश का काफी संसाधन और वक्त बचा सकता है. दूसरी तरफ विपक्ष की तरफ से इस बारे में कोई राय जाहिर नहीं की गई है. कई दलों के प्रमुखों ने जिस तरह इस बैठक में शामिल होने से इनकार किया है उससे लगता तो यहीं है कि विपक्ष इस प्रस्ताव को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं है. एनडीए के अलावा इस बैठक में वाईएसआर कांग्रेस के नेता और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी, बीजेडी प्रमुख और ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, केसीआर के बेटे केटीआर और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव बैठक में मौजूद रहेंगे.
आजादी के 75 साल और महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर भी चर्चा
इस बैठक में एक देश-एक चुनाव बेशक केंद्रीय मुद्दा रहेगा लेकिन अन्य मुद्दों पर भी चर्चा होगी. देश इस साल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है. इसके जश्न और कार्यक्रमों पर भी चर्चा होगी. इसके अलावा 2022 में भारत की आजादी के 75 साल पूरे होंगे. मोदी सरकार इसे बड़े जश्न के तौर पर मनाना चाहती है. कई कार्यक्रम 2022 को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने शुरू किया है. विपक्षी दलों से इस जश्न को साझा और बड़े तरीके से मनाने पर चर्चा होगी.
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