चेन्नई, वैसे तो तमिलनाडु में भाजपा और वहां की सत्ता में काबिज डीएमके एक दूसरे के धूर विरोधी हैं, लेकिन गुरुवार को जब पीएम मोदी चेन्नई पहुंचे तो वहां नजारा कुछ और ही देखने को मिला. एक कार्यक्रम के दौरान जब पीएम आवास योजना के लाभार्थियों को घरों की चाभी सौंप रहे थे तब पीएम […]
चेन्नई, वैसे तो तमिलनाडु में भाजपा और वहां की सत्ता में काबिज डीएमके एक दूसरे के धूर विरोधी हैं, लेकिन गुरुवार को जब पीएम मोदी चेन्नई पहुंचे तो वहां नजारा कुछ और ही देखने को मिला. एक कार्यक्रम के दौरान जब पीएम आवास योजना के लाभार्थियों को घरों की चाभी सौंप रहे थे तब पीएम ने तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन को भी आगे बुलाया और उनसे चाभी को हाथ लगाने को कहा. इस दौरान जहां बीजेपी समर्थक मोदी-मोदी के नारे लगा रहे थे तो वहीं, डीएमके के कार्यकर्ता सीएम-सीएम के नारे लगा रहे थे, लेकिन दोनों ही नेताओं के बीच आपस में दोस्ती जैसे भाव देखने को मिले.
कार्यक्रम के दौरान सीएम स्टालिन ने पीएम मोदी की मौजूदगी में मंच पर ही कहा कि तमिलानाडु का देश की जीडीपी में अच्छा-खासा योगदान है, लेकिन उसके लिए मात्र 1.2 फीसदी पैसा आवंटित किया गया है. सीएम स्टालिन ने कहा कि राज्य के मछुआरों का भी केंद्र सरकार को ध्यान रखना चाहिए. इसके बाद स्टालिन ने मंच से ही हिंदी का भी मुद्दा छेड़ दिया जो कि वर्षों पुराना विवाद है. सीएम ने कहा कि तमिल भाषा को भी हिंदी के बराबर का दर्जा दिया जाना चाहिए.
इसके बाद पीएम मोदी ने सीएम स्टालिन की बातों का बड़ी ही सहजता से जवाब दिया. उन्होंने सीएम स्टालिन और वहां के लोगों को वणक्कम कह कर अभिवादन किया. उन्होंने कहा तमिलनाडु की भाषा, संस्कृति और लोग बहुत बेहतरीन हैं. यहां आना अपने आप में हमेशा से ही खास रहा है. आगे, पीएम मोदी ने हिंदी-तमिल भाषा के मुद्दे पर सीएम स्टालिन को जवाब देते हुए कहा कि तमिल एक शास्वत और वैश्विक भाषा है और भारत सरकार तमिल भाषा और संस्कृति के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
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