48 परिवारों को मिला पक्का घर, खुश होकर मोहल्ले का नाम रखा ‘मोदी फलिया’

मध्य प्रदेश के झाबुआ स्थित संभवतः यह देश की पहली कॉलोनी होगी जिसका नाम पीएम मोदी के नाम पर रखा गया हो. मोदी फलिया नाम की यह कॉलोनी झाबुआ से 20 किलोमीटर दूर इंदौर-अहमदाबाद मार्ग पर स्थित है. पीएम मोदी का नाम रखे जाने के पीछे वजह यह है कि कालाखूंट पंचायत के अंतर्गत आने वाले इस मोहल्ले में 48 परिवारों को पक्के घरों की सौगात मिली है. यह सभी लोग कच्चे मकानों में रहा करते थे. केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना ने इन परिवारों को कच्चे मकानों से छुटकारा दिलाने में अहम भूमिका निभाई है.

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48 परिवारों को मिला पक्का घर, खुश होकर मोहल्ले का नाम रखा ‘मोदी फलिया’

Aanchal Pandey

  • February 4, 2018 11:07 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

झाबुआः मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में इन दिनों एक कॉलोनी खासा चर्चा में है. इस कॉलोनी का नाम है ‘मोदी फलिया’. दरअसल झाबुआ जिले में ‘फलिया’ का मतलब मोहल्ला होता है. यहां के लोगों ने अपने मोहल्ले का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर रख दिया है. संभवतः यह देश की पहली कॉलोनी होगी जिसका नाम पीएम मोदी के नाम पर रखा गया हो. मोदी फलिया नाम की यह कॉलोनी झाबुआ से 20 किलोमीटर दूर इंदौर-अहमदाबाद मार्ग पर स्थित है. पीएम मोदी का नाम रखे जाने के पीछे वजह यह है कि कालाखूंट पंचायत के अंतर्गत आने वाले इस मोहल्ले में 48 परिवारों को पक्के घरों की सौगात मिली है. यह सभी लोग कच्चे मकानों में रहा करते थे. केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना ने इन परिवारों को कच्चे मकानों से छुटकारा दिलाने में अहम भूमिका निभाई है.

मोदी फलिया नाम से पहले इस कॉलोनी को भगत मोहल्ले के नाम से जाना जाता था. कॉलोनी के 48 मकान कच्चे थे. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इन सभी मकानों को पक्का कराने की कवायद शुरू हुई और वर्तमान में 36 मकानों का काम लगभग पूरा हो चुका है, जबकि 12 मकानों में काम चल रहा है. केंद्र सरकार की योजना से पक्का घर मिलने की खुशी में इन लोगों ने कॉलोनी का नाम मोदी मोहल्ला रख दिया. कॉलोनी द्वारा पीएम मोदी के नाम पर मोहल्ले का नाम रखे जाने की वजह से इन दिनों झाबुआ जिला सुर्खियों में बना हुआ है.

बताते चलें कि कालाखूंट गांव की आबादी करीब साढ़े तीन हजार है. आवास योजना के तहत पहले चरण में गांव के करीब 265 मकानों को मंजूरी मिली. जिसके बाद झोपड़ी में रहने वाले इन परिवारों को पक्का मकान मुहैया कराने की जुगत शुरू हो गई. मोहल्ले में एक साथ 48 मकानों के निर्माण के बाद ग्रामीणों ने ग्रामसभा आयोजित की, जिसमें प्रस्ताव रखा गया और सभी की सहमति से मोहल्ले का नाम देश के प्रधानमंत्री के नाम पर कर दिया गया. गांव के सरपंच कहते हैं कि उनकी कोशिश रहेगी कि पीएम आवास योजना के तहत गांव के सभी परिवारों के पास पक्का मकान हो. ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच और सचिव की वजह से वह इस योजना का लाभ उठा रहे हैं. वह लोग सरपंच और सचिव के हमेशा आभारी रहेंगे.

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