Parliament Winter Session 2019: नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में पहली बार शिवसेना संसद में विपक्ष के साथ बैठेगी, शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू

Parliament Winter Session 2019, Shiv Sena BJP NDA dispute: नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में पहली बार शिवसेना संसद में विपक्ष के साथ बैठेगी. संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार 18 नवंबर से शुरू होने जा रहा है जो कि 13 दिसंबर तक चलेगा. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद बीजेपी और शिवसेना के बीच हुई तकरार के बाद उद्धव ठाकरे की पार्टी ने एनडीए से नाता तोड़ दिया था. शिवसेना अब महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाने जा रही है. वहीं लोकसभा और राज्यसभा में शिवसेना के सांसद अब सत्ता पक्ष के बजाय विपक्ष के साथ बैठते हुए नजर आने वाले हैं.

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Parliament Winter Session 2019: नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में पहली बार शिवसेना संसद में विपक्ष के साथ बैठेगी, शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू

Aanchal Pandey

  • November 16, 2019 11:09 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. महाराष्ट्र में सीएम पद को लेकर टकराव होने के बाद एनडीए से नाता तोड़ चुकी शिवसेना संसद में विपक्ष के साथ बैठेगी. 18 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने जा रहा है. शिवसेना के लोकसभा में 18 र राज्यसभा में 3 सांसद हैं. आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक शिवसेना के सभी सांसद नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में पहली बार विपक्ष के साथ बैठते हुए नजर आएंगे. शिवसेना ने इस महीने बीजेपी नीत एनडीए गठबंधन से नाता तोड़ा था.

महाराष्ट्र में पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना गंठबंधन को जीत मिली थी. हालांकि शिवसेना ने 50-50 फॉर्मुले के तहत सीएम पद की मांग की थी, जिस पर बीजेपी सहमत नहीं हुई. जिसके बाद महाराष्ट्र में सरकार का गठन नहीं हो सका और राष्ट्रपति शासन लागू हो गया.

दूसरी तरफ महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ सहमति बना ली है. दोनों पार्टियां शिवसेना को सीएम पद देने पर राजी हो गई है. जल्द ही सरकार का गठन कर लिया जाएगा.

एनडीए से नाता तोड़ने के बाद शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने भी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. सावंत मोदी सरकार में भारी उद्योग मंत्री थे.

संसद का शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से शुरू होकर 13 दिसंबर तक चलेगा. इस सत्र में मोदी सरकार दो महत्वपूर्ण अध्यादेश को कानून का रूप देने का काम करेगी. इसमें कॉर्पोरेट टैक्स की दर में कमी और ई सिगरेट बैन करने का फैसला शामिल है.

दूसरी तरफ कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों ने आर्थिक मंदी, बैंकिंग सेक्टर के खस्ताहाल होने और किसानों समेत अन्य मुद्दों पर संसद के अंदर मोदी सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है.

पहली बार शिवसेना भी संसद के अंदर मोदी सरकार को सीधी तरह से घेरती नजर आ सकती है. फिलहाल महाराष्ट्र में शिवसेना और एनसीपी के साथ सरकार गठन के प्रयासों के चलते कांग्रेस का मनोबल भी ऊंचा है.

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