‘पांचजन्य और ऑर्गनाइजर’ के 70 साल, स्मृति ईरानी ने जारी किए मैगजीन के स्पेशल एडिशन्स

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के यूं तो कई प्रकाशन पत्र-पत्रिकाओं के तौर पर अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग राज्यों में निकलते हैं, लेकिन सबसे प्रमुख हैं पांचजन्य और ऑर्गनाइजर. दोनों ही अखबार जो अब मैगजीन फॉरमैट में आते हैं, के 70 साल पूरे होने पर स्पेशल एडिशन लांच किए गए. इस मौके पर तमाम संघ परिवार के दिग्ग्जों के बीच सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने आरएसएस के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य के साथ उन स्पेशल एडिशंस का विमोचन किया.

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‘पांचजन्य और ऑर्गनाइजर’ के 70 साल, स्मृति ईरानी ने जारी किए मैगजीन के स्पेशल एडिशन्स

Aanchal Pandey

  • January 23, 2018 5:37 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्लीः संघ परिवार के यूं तो कई प्रकाशन पत्र-पत्रिकाओं के तौर पर अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग राज्यों में निकलते हैं, लेकिन सबसे प्रमुख हैं पांचजन्य और ऑर्गनाइजर. दोनों ही अखबार जो अब मैगजीन फॉरमैट में आते हैं, के 70 साल पूरे होने पर स्पेशल एडिशन लांच किए गए. इस मौके पर तमाम संघ परिवार के दिग्ग्जों के बीच सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने आरएसएस के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य के साथ उन स्पेशल एडिशंस का विमोचन किया.

यूं तो अंग्रेजी का ऑर्गनाइजर 1947 में शुरू हुआ था और हिंदी का पांचजन्य 1948 में, लेकिन दोनों के ही 70 साल एक ही फंक्शन में मनाए गए. ऑर्गनाइजर के अब तक कई बड़े चेहरे सम्पादक रह चुके हैं, जिनमें एआर नायर, केआर मलकानी, एलके आडवानी, वीपी भाटिया, शेषाद्री चारी और आर बालाशंकर जैसे दिग्गज शामिल हैं. अभी प्रफुल्ल केतकर इसके एडिटर हैं. जबकि पांचजन्य को मकर संक्रांति के दिन दीन दयाल उपाध्याय ने शुरू किया था और उसका पहला सम्पादक अटल बिहारी वाजपेयी को बनाया था. तरुण विजय के बाद आजकल इसके सम्पादक हितेश शंकर हैं. हालांकि दोनों के समूह सम्पादक की जिम्मेदारी आजकल जगदीश उपासने संभाल रहे हैं, जो इंडिया टुडे ग्रुप के साथ लम्बी पारी खेल चुके हैं.

नेहरु मेमोरियल सभागार, तीनमूर्ति भवन में समारोह आयोजित किया गया. इस अवसर पर मनमोहन वैद्य ने कहा कि पांचजन्य और ऑर्गनाइजर दोनों ही पाटों में भारत की पहचान को स्वर देने का काम किया है, इनके प्रकाशन का नाम भी भारत प्रकाशन है. संघ की भारतीयता के प्रति आग्रह और राष्ट्रवादी सोच इन दोनों पत्रों से मिलती है, इसके चलते इनको संघ का मुख पत्र कहा जाने लगा. जिस तरह संघ आध्यात्मिकता के रास्ते देह में समृद्धि लाना चाहता है, ये दोनों पत्र भी हमेशा आध्यात्मिकता के विचारों को बढ़ाते चले आ रहे हैं.

इस मौके पर स्मृति ईरानी ने ख़ास तौर पर इस बात का जिक्र किया कि किसी ने 70 साल में सोचा भी नहीं होगा की एक दिन नेहरू मेमोरियल में पांचजन्य और ऑर्गनाइजर का 70 वां विशेषांकों का विमोचन करने वाला कार्यक्रम आयोजित होगा. ये दोनों पत्र बधाई के पात्र हैं कि कितनी विपरीत परिस्थितियों में भी विज्ञापनों की लालसा छोड़कर राष्ट्रवाद के रास्ते इतने साल से चलते आ रहे हैं. ईरानी ने इन दोनों पत्रों के संपादकों को सुझाव भी दिया कि प्रांतीय भाषाओँ में भी पांचजन्य और ऑर्गनाइजर को निकाला जाना चाहिए.

इस कार्यक्रम में दोनों पत्रों को प्रकाशित करने वाली संस्था भारत प्रकाशन के प्रबंध निदेशक और दिल्ली के संघचालक अलोक कुमार भी मौजूद थे, उन्होंने कहा कि दीनदयालजी और अटलजी के पांचजन्य की संपादकीय परंपरा को बनाये रखने के लिए हमें वचन देना होगा कि उसकी श्रेष्ठता को बनाये रखेंगे. इस मौके पर दोनों पत्रों के कुछ पुराने कर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया.

 

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