नई दिल्ली, पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के दो दिवसीय अवकाश के बाद सोमवार को फिर महत्वपूर्ण सत्र की शुरुआत हो चुकी है. देश में अस्पष्ट राजनीतिक हालात के बीच विपक्ष ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ औपचारिक रूप से अविश्वास प्रस्ताव पेश (No trust motion against Imran khan) कर दिया है.
प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ चल रहे तनाव के बीच 8 मार्च को विपक्षी पार्टियों ने नेशनल असेंबली के सचिवालय में नोटिस देकर 14 दिनों के अंदर ही अनिवार्य सत्र बुलाने की मांग की थी, जिसके बाद से ही देश में राजनीतिक अस्थिरता व तनातनी का माहौल है.
हालांकि, विपक्ष की तरफ से दी गई समय सीमा के तीन दिन बाद 25 मार्च को महत्वपूर्ण सत्र बुलाया गया था, लेकिन स्पीकर ने प्रस्ताव को पेश करने की इजाज़त देने से मना कर दिया था. सत्र के दौरान विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री इमरान खान पर आरोप लगाया है कि उनकी सरकार ने देश को आर्थिक संकट में धकेल दिया है, आगे उन्होंने इमरान खान को देश में बढ़ती महंगाई के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उन्हें कुर्सी पर रहने का कोई हक नहीं है.
दरअसल, विपक्ष सालों से इमरान को गद्दी से हटाने की मुहिम चलाता रहा है, लेकिन पहली बार विपक्ष को कामयाबी मिलती नज़र आ रही है, क्योंकि इमरान खेमे के करीब दो दर्जन सांसद भी अब उनसे मुँह मोड़ उनके खिलाफ हो चुके हैं.
उधर, विपक्षी पार्टियों को भरोसा है कि उन्हें इमरान सरकार को गिराने के लिए 342 के सदन में 172 सदस्यों का समर्थन मिल सकता है, जबकि सरकार का दावा है कि उसे विपक्ष की इस कोशिश को विफल करने के लिए सदन में जरूरी समर्थन प्राप्त है.
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