वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस की समस्या परिवारवाद है. जेटली ने कहा कि कांग्रेस को फैसला करना है कि उसके आगे का सफर क्या है. क्या वह वंशवादी लोकतंत्र बनी रहेगी या गुण आधारित नेतृत्व होगा?
गुरुवार को आए पांच राज्यों में चुनावी नतीजों के बाद ताजपोशी को लेकर सियासी गतिविधियां तेज हो गई है. असम में भी सरकार बनाने को लेकर बैठकों का दौर शुरू हो गया है
बिहार में कानून-व्यवस्था को लेकर सीएम नीतीश कुमार पर आरजेडी सांसद तस्लीमुद्दीन ने फिर हमला बोला है और कहा कि नीतीश पीएम बनने चले हैं जबकि मुखिया बनने लायक भी नहीं हैं. तस्लीमुद्दीन ने कहा कि वो चाहते हैं कि गठबंधन आज टूट जाए लेकिन फैसला लालू को करना है.और
असम में सरकार बनने से गदगद बीजेपी अब भारतीय राजनीति के पावरहाउस उत्तर प्रदेश में धूम मचाने की तैयारी में है. यूपी चुनाव 2017 में है लेकिन नरेंद्र मोदी 26 मई को सहारनपुर में सरकार के दो साल पर रैली करेंगे तो जून में इलाहाबाद में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक होगी.
बिहार में विधानसभा चुनाव जीतने वाली महागठबंधन की पार्टीयां आरजेडी और जेडीयू के अंदरूनी कलह अब खुल कर सामने आ रहे हैं. दरअसल, आरजेडी सांसद तस्लीमुद्दीन ने बिहार में लॉ एंड ऑर्डर के बिगड़ते हालत के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार करार देते हुए उनसे इस्तीफा मांगा है. जिसके बाद से दोनों पार्टी के नेताओं में जुबानी जंग शुरू हो गई है.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के दो वर्षो के दौरान एक नई त्रिमूर्ति पैदा हुई है, जिसके कारण देश के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों में गिरावट आई है. येचुरी ने माकपा के मुखपत्र पीपुल्स डेमोक्रेसी के ताजा अंक में लिखा है, "इन दो वर्षो के दौरान हमारे लोगों के एक बड़े हिस्से पर आर्थिक बोझ में तीव्र वृद्धि हुई है."
बीजेपी विरोधी कांग्रेस को कोस रहे हैं कि उसने बदरुद्दीन अज़मल से गठबंधन नहीं किया इसलिए असम हार गई. वोट गणित कहता है कि दोनों साथ भी होते तो मात्र 15 और ज्यादा सीटें ला पाते. 23 सीटों पर तो ये दोनों मिलकर भी बीजेपी गठबंधन को रोकने लायक नहीं थे.
चुनावी अंकगणित मजेदार चीज होती है. पांच राज्यों के चुनाव में सबसे रोचक नतीजा असम में दिखा है जहां 26 सीट पर सिमटी कांग्रेस को 60 सीट वाली बीजेपी से डेढ़ परसेंट ज्यादा वोट मिले. असम में कांग्रेस को 31 परसेंट वोट मिला है जबकि बीजेपी को 29.5 परसेंट.
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में सबसे ज्याद उम्र के उम्मीदवार और 10 बार कांग्रेस विधायक रह चुके ज्ञान सिंह सोहनपाल हार गए. 91 साल के सोहनपाल को खड़गपुर सदर सीट से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने हरा दिया. ये दिलीप घोष का पहला चुनाव था.
असम में 34 परसेंट अल्पसंख्यक वोटों के चैंपियन होने का दावा करने वाले एआईयूडीएफ सुप्रीमो बदरुद्दीन अज़मल को कांग्रेस के वाज़िद अली चौधरी ने 17 हजार वोट के अंतर से हरा दिया. कांग्रेस असम में बुरी हार के बावजूद वाजिद के हाथों बदरुद्दीन की हार पर मुस्कुरा रही है.