नई दिल्ली, Padma Awards: देश के 73वे गणतंत्र दिवस के मौके पर सरकार ने पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया गया. इस कड़ी में पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य (Buddhadeb Bhattarcharjee) को पद्म भूषण और मशहूर गायिका संध्या मुख़र्जी (Sandhya Mukherjee) को पद्म श्री से सम्मानित करने का फैसला लिया गया था, लेकिन बुद्धदेव भट्टाचार्य और संध्या मुख़र्जी दोनों ने ही इन पुरस्कारों को लेने से मना दिया.
पद्म भूषण ठुकराते हुए पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने कहा कि उन्हें इस पुरस्कार के बारे में बताया ही नहीं गया था. तो वहीं, पद्म श्री ठुकराने पर संध्या मुखर्जी की बेटी सौमी सेनगुप्ता ने कहा कि 90 वर्ष की आयु में संध्या मुखर्जी जैसी दिग्गज गायिका को सम्मानित करना उनका अपमान है.
बुद्धदेब भट्टाचार्य 2000 से 2011 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे हैं, उन्होंने 6 नवंबर 2000 को ज्योति बसु की जगह बंगाल की सत्ता में अपनी पैठ जमाई थी. भट्टाचार्य को राज्य में औद्योगीकरण करने वाला पहला मुख्यमंत्री माना जाता है, उन्होंने ही टाटा नैनो के प्लांट को कोलकाता के पास सिंगुर में लगाने की इजाज़त दी थी.
60 और 70 के दशक की सबसे मधुर आवाज़ कही जाने वाली संध्या मुख़र्जी का जन्म 1931 में कोलकाता में हुआ था. उन्होंने हिंदी फिल्मों से अपने करियर की शुरुआत की थी, 17 हिंदी फिल्मों के गानों में संध्या मुख़र्जी ने अपनी आवाज़ दी थी. इसके अलावा उन्होंने कई बंगाली और गैर बंगाली गाने भी गाए हैं.
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