नई दिल्ली, मोहम्मद जुबैर को तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया है, आज ही सुप्रीम कोर्ट ने उनकी रिहाई का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ यूपी में दर्ज सभी 6 FIR में उनके जमानत दे दी थी, दिल्ली में दर्ज केस में उन्हें पहले ही जमानत मिल गई थी, इसलिए अब […]
नई दिल्ली, मोहम्मद जुबैर को तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया है, आज ही सुप्रीम कोर्ट ने उनकी रिहाई का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ यूपी में दर्ज सभी 6 FIR में उनके जमानत दे दी थी, दिल्ली में दर्ज केस में उन्हें पहले ही जमानत मिल गई थी, इसलिए अब उन्हें रिहा किया गया है. मोहम्मद जुबैर पर हिंदू धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज हुआ था और 27 जून को उनकी गिरफ्तारी हुई थी.
इतना ही नहीं कोर्ट ने ज़ुबैर की गिरफ्तारी के आदेश पर भी सवाल उठाए हैं.
दरअसल, मोहम्मद जुबैर ने अपने खिलाफ यूपी पुलिस द्वारा दायर की गई सभी FIR खारिज करने की मांग की है. साथ ही जब तक इस याचिका पर फैसला नहीं हो जाता, तब तक अंतरिम जमानत देने की भी मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने जुबैर को जमानत देते हुए कहा, गिरफ्तारी की शक्ति का प्रयोग संयम से किया जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा, मोहम्मद जुबैर को अंतहीन समय तक हिरासत में नहीं रखा जा सकता.
स्वतंत्रता के हर प्रेमी को हैशटैग "I am Mohammed Zobair" का उपयोग करके ट्वीट करना चाहिए
स्वतंत्रता और आजादी के अनमोल अधिकारों पर अपने विचार ट्वीट करें
सुप्रीम कोर्ट के 11.7.22 के फैसले के बाद, आज का फैसला फिर से पुष्टि करता है कि गिरफ्तारी की शक्ति का दुरुपयोग समाप्त होना चाहिए
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) July 20, 2022
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने ज़ुबैर की रिहार पर सुप्रीम कोर्ट का आभार जताया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, स्वतंत्रता के हर प्रेमी को हैशटैग “सुप्रीम कोर्ट के 11.7.22 के फैसले के बाद, आज का फैसला फिर से इस बात की पुष्टि करता है कि गिरफ्तारी की शक्ति का दुरुपयोग समाप्त होना चाहिए। I am Mohammed Zobair” का इस्तेमाल कर ट्वीट करना चाहिए, स्वतंत्रता और आजादी के अनमोल अधिकारों पर आप भी अपने विचार ट्वीट करें।
सुप्रीम कोर्ट ने जुबैर के खिलाफ दर्ज सभी मामलों को एक साथ क्लब किया और कहा कि इस मामले में अब एक ही जांच एजेंसी जांच करेगी. उत्तर प्रदेश में दर्ज 6 FIR को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को ट्रांसफर कर दिया है. इस मामले में जांच के लिए गठित यूपी की SIT को भी भंग कर दिया गया है हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमा रद्द करने से साफ़ इंकार कर दिया.
इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा था कि जुबैर को भड़काऊ ट्वीट करने के पैसे मिलते थे, पोस्ट या ट्वीट जितना भड़काऊ होता था, उसे उतने ही ज्यादा पैसे भी मिलते थे. दरअसल, मोहम्मद जुबैर ने अपने खिलाफ यूपी पुलिस द्वारा दायर सभी FIR खारिज करने की मांग की है, साथ ही जब तक इस याचिका पर फैसला नहीं हो जाता, तब तक अंतरिम जमानत की भी मांग की गई है.
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