लखनऊ, समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में शामिल सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर को योगी सरकार ने शुक्रवार को वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान कर दी है. ऐसे में एक बार फिर राजभर के योगी सरकार में शामिल होने और मंत्री बनने की चर्चाएं तेज हो गई हैं और अब इन चर्चाओं पर खुद ओपी राजभर […]
लखनऊ, समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में शामिल सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर को योगी सरकार ने शुक्रवार को वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान कर दी है. ऐसे में एक बार फिर राजभर के योगी सरकार में शामिल होने और मंत्री बनने की चर्चाएं तेज हो गई हैं और अब इन चर्चाओं पर खुद ओपी राजभर ने स्थिति साफ़ कर दी है. राजभर ने खुद सुरक्षा मिलने का कारण बताया और आगे की रणनीति का भी खुलासा किया है.
वाई श्रेणी की सुरक्षा दिए जाने पर सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ने कहा कि, “मुझपर पहले भी हमला हो चुका है और आगे भी हो सकता है, पहले ही सरकार से सुरक्षा मांगी थी जो अब मिल गई है.” राजभऱ ने योगी सरकार या भाजपा से नजदीकियों पर कहा कि अभी हमारा गठबंधन समाजवादी पार्टी के साथ है और जब वहां से गठंबंधन टूटेगा तभी किसी के साथ आगे की बातचीत होगी. कौन गठबंधन तोड़ेगा? इस सवाल पर राजभर ने कहा कि अगर गठबंधन टूटेगा तो अखिलेश यादव ही तोड़ेंगे. वहां से तलाक-तलाक कहा जाएगा और हम कबूल कर लेंगे.
राजभर ने बताया कि सपा से गठबंधन टूटने के बाद उनकी प्राथमिकता बहुजन समाज पार्टी है, और जब बसपा से बात नहीं बनेगी तो किसी और से बात होगी. अभी तो लोकसभा चुनाव से पहले कई दल सामने आएंगे, फिलहाल भाजपा से ऑल इज़ वेल नहीं है.
द्रौपदी मुर्मु को वोट देने के सवाल पर राजभऱ ने कहा कि वोटिंग से पहले ही हमने उन्हें वोट देने की बात कह दी थी. जब समाजवादी पार्टी ने विपक्षी प्रत्याशी के लिए हमसे वोट नहीं माँगा, जब प्रत्याशी यशवंत सिन्हा ने हमसे वोट नहीं मांगा तो हम क्या करते? न लड़ने वाला और न ही लड़ाने वालों ने वोट माँगा, दूसरी ओर द्रौपदी मुर्मु और भाजपा दोनों की तरफ से वोट मांगा गया तो हमने भी ऐलान करने के बाद उन्हें वोट दे दिया.
एक बार फिर ओपी राजभर ने अखिलेश यादव पर निशाना साधा, राजभर ने कहा कि हमारे यहां सीट को लेकर कोई झगड़ा कभी था ही नहीं. हम सीट को लेकर झगड़ा नहीं करते हैं. हमने पहले भी कहा था कि एक भी सीट नहीं मिलेगी तब भी गठबंधन में रहेंगे. राजभर ने कहा कि आजमगढ़ में लोकसभा उपचुनाव के दौरान हम तीन सौ लोगों की फौज और सभी छह विधायकों को लेकर धूप में वहां जमे रहे, लेकिन अखिलेश यादव एसी में बैठे रहे.
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