सीडब्ल्यूसी बैठक के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा कि, आज CWC की बैठक में मुख्य चर्चा में से एक यह रही कि पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने राफेल घोटाले में हुए 130,000 करोड़ के बारे में शानदार विवरण दिया. उन्होंने आगे लिखा कि भारत के लोगों से पैसा चुरा लिया और कर्ज में डूबे अपने दोस्त को 45,000 करोड़ रुपए दे दिया. बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी , वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत, गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल और अन्य नेता शामिल हुए.
नई दिल्ली. कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक आज पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की अध्यक्षता में हुई. इसमें पार्टी ने असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी), गठबंधन, राफेल और कई महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर चर्चा की गई. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तबियत खराब होने के चलते सीडब्ल्यूसीकी बैठक में संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी शामिल नहीं हुई. बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी , वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत, गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल और अन्य नेता शामिल हुए. कांग्रेस की इस बैठक में 2019 के लोकसभा चुनावों की तैयारियों पर भी चर्चा हुई.
बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर राफेल डील को लेकर हमला बोला. सीडब्ल्यूसी बैठक के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा कि, आज CWC की बैठक में मुख्य चर्चा में से एक यह रही कि पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने राफेल घोटाले में हुए 1.30 लाख करोड़ के बारे में शानदार विवरण दिया. उन्होंने आगे लिखा कि भारत के लोगों से पैसा चुरा लिया और कर्ज में डूबे अपने दोस्त को 45 हजार करोड़ दे दिया. इससे पहले भी कांग्रेस अध्यक्ष राफेल को लेकर कई बार अनिल अंबानी और केंद्र सरकार पर आरोप लगा चुके हैं. हालांकि इस बार उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि वो जिस दोस्त का जिक्र कर रहे हैं वो दोस्त अनिल अंबानी हैं.
कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार राफेल के लिए यूपीए शासन वाले सौदे के मुकाबले प्रति विमान ज्यादा कीमत चुका रही है. राफेल सौदे को लेकर राहुल गांधी मोदी सरकार पर आरोप लगा चुके हैं कि तत्कालीन सरकार ने यूपीए सरकार के समझौता को खत्म कर फ्रांस के साथ नया समझौता करने के पीछे की मंशा एक निजी कंपनी को फायदा पहुंचाना था.
राहुल गांधी संसद संत्र के दौरान कह चुके हैं कि लड़ाकू विमान सौदे में निश्चित तौर पर घोटाला हुआ है. उन्होंने इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा था कि विमान की कीमतों के बारे में पूछे जाने पर मोदी घबराते हैं. राहुल ने इस मुद्दे को लेकर एक ट्वीट भी किया. उन्होंने लिखा कि हमारी रक्षा मंत्री ने कहा कि वह (खुलासा) करेंगी या लेकिन अब कह रही हैं कि खुलासा नहीं करेंगी. वह गोपनीय है और गोपनीय नहीं है, के बीच फंसी हुई हैं.
जब प्रधानमंत्री से राफेल के विमान के बारे में पूछा जाता है तो वह घबराते हैं और मेरी आंखों में आंख डालकर नहीं देख पाते. निश्चित तौर पर बड़े घोटाले की बू आ रही है. बीते 20 जुलाई को लोकसभा में सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल विमान सौदे में घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ‘चौकीदार नहीं बल्कि भागीदार’हैं.
One of the highlights of today’s CWC meeting, was Mr Antony’s brilliant description of the Rafale robbery: 130,000 Cr. stolen from the people of India and given to a friend who was 45,000 crore in debt. #RafaleScam
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 4, 2018
The CWC met today. As a team, we discussed the political situation in the country & the huge opportunity for the Congress to highlight issues of corruption and failure of the government to provide jobs to our youth. Thank you to all those who attended today’s meeting. pic.twitter.com/QTPM8ltO51
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 4, 2018
इससे पहले भी राहुल गांधी कर चुके हैं कई ट्वीट
राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर लिखा था कि सर्वोच्च नेता के चापलूस राफेल घोटाले की खबर कर रहे पत्रकारों को धमकी भरे संदेश भेज रहे हैं और उनसे कह रहे हैं कि पीछे हटो या फिर….।’ उन्होंने आगे लिखा था कि कुछ बहादुर पत्रकारों पर मुझे गर्व है जिनमें सच्चाई का बचाव करने और मिस्टर 56 के सामने खड़े होने की हिम्मत है.
Since 2014, India has had 4 revolving Raksha Mantris.
Now we know why. It gave the PM space to personally re-negotiate RAFALE with the French.
India has had 4 “RAFALE Mantris”. But, none of them know what really transpired in France. Except the PM.
But he won’t speak! pic.twitter.com/exNkm9mn8T
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 24, 2018
Supreme leader's minions are now sending threatening messages to journalists reporting on the #RafaleScam asking them to "back off or else…”.
I'm really proud of the few brave press people who still have the guts to defend the truth and stand up to Mr 56.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 30, 2018
Over the next 50 years, Indian Tax Payers will pay Mr 56’s friend’s JV, 100,000 Cr to maintain 36 #RafaleScam jets, India is buying🤭
Raksha Mantri will address a Press CON to deny this, as usual🤥
But the truth is in the presentation I’m attaching😊 pic.twitter.com/a90XNet7dU
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 28, 2018
Dear Trolls,
I apologise for my earlier tweet in which I stated Mr 56’s friend’s JV, received 4 Billion US$’s of “off set” contracts.
I forgot to add the 16 Billion US$ RAFALE “lifecycle” contract 😲
20 BILLION US$, is the actual benefit.
So Sorry!!#130000CroreRafaleScam
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 27, 2018
Why is Raksha Mantri, Nirmala Sitharaman ji lying to the Nation?
Will PM Shri Modi now agree that a ₹30,000 Cr contract was given to a private entity by rejecting the claim of PSU, HAL and whether an additional ₹1 Lakh Cr has also been given to Reliance, as claimed by them? pic.twitter.com/tIWaT2InHf
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) July 27, 2018
Mr 56 does ❤️ someone after all.
1. Must wear a suit
2. Must have 45,000CR debt
3. Must have a TEN day old company.
4. Must never have made an aircraft in his life.Rewards of up to $4 billion in “off set” contracts if you fulfil said criteria. https://t.co/243CSV1cep
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 25, 2018
राहुल गांधी ने इससे पहले ट्वीट कर लिखा था कि अगले 50 वर्षों में भारतीय करदाताओं को मिस्टर 56 के मित्र के संयुक्त उपक्रम को 36 राफेल विमानों के रखरखाव के लिए 1,00,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा.
अनिल अंबानी दे चुके हैं सफाई
उद्योगपति अनिल अंबानी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को राफेल सौदे पर पत्र लिखा था. अनिल अंबानी ने इन आरोपों को खारिज किया है कि उनके रिलायंस समूह के पास राफेल लड़ाकू जेट सौदे के लिए अनुभव की कमी है. अंबानी ने यह भी कहा था कि फ्रांसीसी समूह डसॉल्ट द्वारा उनकी कंपनी को स्थानीय भागीदार के रूप में चुनने में सरकार की कोई भूमिका नहीं है. अंबानी ने यह पत्र 12 दिसंबर 2017 को लिखा था. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि आखिर रिलायंस समूह को अरबों डॉलर का यह सौदा क्यों मिला है. अपने इन दो पृष्ठ के पत्र में अनिल अंबानी ने लिखा था न केवल हमारे पास जरूरी अनुभव है बल्कि रक्षा विनिर्माण के कई अहम क्षेत्रों में हम सबसे आगे हैं. राहुल गांधी लगातार राफेल को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर रहे हैं.
ये है राफेल की खासियत
राफेल विमान फ्रांस की डेसाल्ट कंपनी द्वारा बनाया गया 2 इंजन वाला लड़ाकू विमान है. राफेल लड़ाकू विमानों को ओमनिरोल विमानों के रूप में रखा गया है, जो कि युद्ध के दौरान महत्वपूर्ण रोल निभाने में सक्षम हैं. हवाई हमला, जमीनी समर्थन, वायु वर्चस्व, भारी हमला और परमाणु प्रतिरोध ये सारी राफेल विमान की खासियत हैं.
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