नई दिल्ली, पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपने विवादित बयानों पर उठे बवाल को लेकर नूपुर शर्मा एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं. नूपुर ने अपने खिलाफ दर्ज 9 FIR में गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की है.
नुपूर शर्मा ने अपनी याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में पीठ की ओर से की गई अप्रत्याशित और कड़ी आलोचना के बाद से उनके जीवन के लिए खतरा और बढ़ गया है और उन्हें जान से मार डालने और बलात्कार तक की धमकी भी दी जा रही है. उनके खिलाफ चूंकि दिल्ली में पहली FIR दर्ज की गई थी, इसलिए अन्य जगहों पर दर्ज FIR को दिल्ली मामले के साथ जोड़ दिया जाए. नुपूर का कहना है कि हर एफआईआर में आरोप एक जैसे ही हैं, लिहाजा एक ही कोर्ट में सभी क्लब की गई एफआईआर पर सुनवाई हो जाए.
गौरतलब है, पिछली बार सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी ही याचिका पर सुनवाई के दौरान जो टिप्पणियां की, उस पर भी देश में कई तरह की प्रतिक्रिया आई थीं. हाई कोर्ट के कुछ पूर्व जजों ने भी खुलकर ऐसी टिप्पणियों की कड़ी आलोचना की थी. तब सुप्रीम कोर्ट ने नुपूर शर्मा को राहत नहीं दी थी और अन्य विकल्प आजमाने को कहा था. कानून के जानकारों के मुताबिक अर्जी में जिस कानूनी और न्यायिक प्रक्रिया के तहत राहत की गुहार लगाई गई थी वो सिर्फ और सिर्फ सुप्रीम कोर्ट का ही विशिष्ट न्यायिक अधिकार क्षेत्र था.
अब देखना ये होगा कि नुपूर शर्मा की इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट क्या जवाब देती है, पहले की ही तरह उनकी ये याचिका भी ठुकरा दी जाएगी या सुप्रीम कोर्ट इसमें कोई सख्त कदम उठाएगी ये तो आने वाले वक़्त में ही पता चलेगा.
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