झारखंड. खनन लीज मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता पर अब तक सस्पेंस बना हुआ है, ये संशय खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले को लेकर हेमंत सोरेन ने चुनाव आयोग से अपनी सदस्यता पर पूछा भी था, ऐसे में निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने हेमंत सोरेन से कहा […]
झारखंड. खनन लीज मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता पर अब तक सस्पेंस बना हुआ है, ये संशय खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले को लेकर हेमंत सोरेन ने चुनाव आयोग से अपनी सदस्यता पर पूछा भी था, ऐसे में निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने हेमंत सोरेन से कहा है कि उन्हें राज्यपाल के दफ्तर की ओर से अब तक इस पर कोई संदेश नहीं मिला है, इस मामले में हेमंत सोरेन के वकील वैभपव तोमर ने चुनाव आयोग को दूसरी बार लेटर लिखकर कहा था कि यह प्रक्रिया न्यायिक प्रकृति की है और इस वजह से उन्हें लेटर की एक कॉपी दी जाए ताकि उनके मुवक्किल को लेकर अनिश्चितता खत्म हो जाए क्योंकि अब तक राज्यपाल रमेश बैंस ने इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
सोरेन के वकील ने यह भी कहा कि राज्यपाल ने आयोग से दूसरी सलाह मांगने को लेकर मीडिया में बयान दिया है. इस संबंध में सोमवार को सोरेन के वकील ने कहा कि वह चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया समीक्षा करेंगे और फिर अपने क्लाइंट से सलाह मश्वरा करेंगे, बता दें इससे पहले चुनाव आयोग ने संवैधानिक प्रावधानों का हवाला देते हुए राज्यपाल को भेजी गई सिफारिश को सार्वजनिक करने से साफ़ मना कर दिया था जबकि इस मामले से अवगत अधिकारियों ने कहा कि प्रक्रिया का पालन होना चाहिए और राज्यपाल को सन्देश भेजे जाने के बाद इस मामले में अब चुनाव आयोग का कोई रोल नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने आज झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़ी राहत दी है। शीर्ष न्यायालय ने अवैध खनन मामले में झारखंड हाई कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है। बता दें कि हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच के लिए दायर की गई जनहित याचिका को सुनवाई के योग्य माना था।
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