पटना/नई दिल्ली। बिहार में इन दिनों राजनीतिक उठापटक जारी है। एक ओर जहां नीतीश कुमार महागठबंधन का साथ छोड़ने वाले हैं तो वहीं दूसरी तरफ अब संभावित नए मंत्रिमंडल की चर्चा भी तेज हो गई है। इस बीच खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चाहते हैं कि नई सरकार के गठन में सुशील […]
पटना/नई दिल्ली। बिहार में इन दिनों राजनीतिक उठापटक जारी है। एक ओर जहां नीतीश कुमार महागठबंधन का साथ छोड़ने वाले हैं तो वहीं दूसरी तरफ अब संभावित नए मंत्रिमंडल की चर्चा भी तेज हो गई है। इस बीच खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चाहते हैं कि नई सरकार के गठन में सुशील मोदी को एक बार फिर डिप्टी सीएम बनाया जाए। बता दें कि राजद से गठबंधन से पहले जब नीतीश कुमार भाजपा के साथ थे तो तब डिप्टी सीएम के पद पर तारकिशोर प्रसाद तथा रेणु देवी थीं। नीतीश कुमार के साथ सुशील मोदी कई बार सरकार में डिप्टी सीएम का पद संभाल चुके हैं।
पिछले कुठ दनों से जारी घटनाक्रमों से संकेत मिलता है कि जद (यू) प्रमुख – जिन्होंने अगस्त 2022 में महागठबंधन में शामिल होने के लिए बीजेपी को छोड़ दिया था, ने राजद और कांग्रेस के साथ गठबंधन सरकार चलाने में कोई वापसी नहीं करने की सीमा को पार कर लिया है। खबरों के मुताबिक बिहार के मुख्यमंत्री आज अपने घर पर जदयू और बीजेपी विधायकों के लिए दोपहर के भोजन का आयोजन करेंगे, जिसके बाद दोनों दलों के विधायक अपना समर्थन पत्र देने के लिए राज्यपाल के पास पहुुंचेंगे।
सूत्रों के अनुसार, खबर सामने आई है कि थोड़ी ही देर पहले पीएम मोदी के साथ रहने का दावा करने वाले पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने घंटे भर के भीतर मोल-भाव करना और शर्तें रखना शुरू कर दिया है। मांझी के चार विधायक हैं और उन्होंने 2 मंत्री पद मांगी हैं। उन्होंने कहा है कि नई सरकार में दो मंत्री हम के होने चाहिए।