लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कैबिनेट ने शराबबंदी कानून में संशोधन को मंजूरी दे दी है. अब वाहन व मकान जब्ती जैसी सजा से राहत मिल सकती है. संशोधन के इस प्रस्ताव को 20 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र में विधानमंडल में पेश किया जाएगा. वहां से पास होने के बाद संशोधित कानून पास हो जाएगा.
पटना. बिहार के शराबबंदी कानून में संशोधन विधेयक को बुधवार को राज्य कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. बिहार राज्य कैबिनेट ने 37 संशोधनों को मंजूरी दी है. इनमें सबसे महत्वपूर्ण बिहार राज्य मद्य निषेध कानून है. शराब बंदी कानून में थोड़ी ढील दी गई है. अब मकान जब्ती और गिरफ्तारी जैसे मामलों में राहत मिल सकेगी. 20 जुलाई को शुरू हो रहे बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र में इस प्रस्ताव को पेश किया जा सकेगा. इसके बाद लोगों को इस कानून के तहत राहत मिल सकेगी.
राज्य कैबिनेट की बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय के प्रमुख सचिव अरुण कुमार सिंह ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में राज्य मद्य निषेध कानून में संशोधन को मंजूरी दी गई है. मानसून सत्र में विधानमंडल से पारित कराने के बाद संशोधित कानून लागू हो जाएगा.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, शराबंदी कानून के तहत सामूहिक जुर्माना खत्म किया जाएगा. इसके अलावा मकान-वाहन जब्त करने वाले कानून में भी ढील दी जाएगी. जानकारी मिल रही है कि मद्य निषेध कानून तहत होने वाली सजा की अवधि भी कम की जा सकती है. इस संशोधन के बारे में आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी गई है क्योंकि इस विधेयक को विधानमंडल के आगामी सत्र में पेश किया जाना है.
बिहार सीएम नीतीश कुमार ने मद्य निषेध एक्ट के दुरुपयोग की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए पिछले महीने ही कानून में बदलाव के संकेत दिए थे. उन्होंने कहा था कि अगर आप संशोधन के बारे में मुझसे पूछेंगे तो मेरा जवाब हां है. उन्होंने कहा था कि 2016 में जब हमने नया आबकारी कानून लागू किया था तो यह भी कहा गया था कि इसके कुछ प्रावधान काफी सख्त हैं.
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