पटना, नीतीश कुमार ने बिहार में भाजपा के साथ अपना गठबंधन खत्म कर लिया है, खबर है कि वे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए आज शाम राज्यपाल से मुलाकात करेंगे और इसके बाद ही गठबंधन तोड़ने का ऐलान करेंगे. इस बीच भाजपा का कहना है कि उसने ऐसा कुछ भी नहीं किया जिससे […]
पटना, नीतीश कुमार ने बिहार में भाजपा के साथ अपना गठबंधन खत्म कर लिया है, खबर है कि वे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए आज शाम राज्यपाल से मुलाकात करेंगे और इसके बाद ही गठबंधन तोड़ने का ऐलान करेंगे. इस बीच भाजपा का कहना है कि उसने ऐसा कुछ भी नहीं किया जिससे विवाद पैदा हुआ हो और नीतीश नाराज़ हो. केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने कहा कि भाजपा चाहती है कि नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने रहें.
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता कौशल किशोर ने मंगलवार को कहा कि पार्टी ने कभी भी दोनों दलों के बीच मुद्दों को भड़काने के लिए कोई पहल शुरू नहीं की, वहीं कौशल किशोर ने कहा , “मैं इस (नीतीश के फैसले) पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता, लेकिन भाजपा ने कभी भी ऐसी कोई पहल नहीं की जिससे विवाद पैदा हुआ हो या जिससे नीतीश को तकलीफ हुई हो. जद (यू) अपना फैसला लेगी, लेकिन भाजपा निश्चित रूप से चाहती है कि नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बने रहे.”
भाजपा सांसद ने कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि बिहार की मौजूदा एनडीए गठबंधन सरकार कुमार के नेतृत्व में मजबूती से काम करती रहे, किशोर ने कहा कि ” एनडीए की सरकार बनीं रहे यही बिहार और देश के हित में है.” गौरतलब है कि बिहार विधानसभा में भाजपा के पास 77 , जद (यू) के पास 45, कांग्रेस के 19, सीपीआईएमएल (एल) के नेतृत्व वाले वाम दलों के पास 16 और राजद के पास 79 सीटे हैं, अगर आरजेडी और जेडीयू की सरकार बनती है तो उनके पास बहुमत से ज्यादा 159 सीटें होंगी.
बिहार में जेडीयू का ही मुख्यमंत्री होगा. जबकि आरजेडी का उपमुख़्यमंत्री होगा, जिसके पास गृह मंत्रालय होगा. वहीं स्पीकर कांग्रेस का होगा. इसके साथ ही कांग्रेस का भी एक डिप्टी सीएम बनाने के फॉर्मूले पर चर्चा की जा रही है.
बिहार में अपना CM चाहती है भाजपा, नीतीश कैसे करेंगे सियासी भूचाल का सामना