Nitin Gadkari On Tolerance: केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु की तारीफ की. गडकरी ने कहा कि मुझे नेहरु के भाषण पसंद है. करीब एक घंटे से संबोधन में गडकरी ने यह भी कहा कि सहिष्णुता भारत की महत्त्वपूर्ण संपत्ति हैं.
नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के एक कार्यक्रम में कहा कि सहिष्णुता भारत की एक महत्त्वपूर्ण संपत्ति है. गडकरी ने कहा कि भारत वो देश है जिसने पलायन करके आए लोगों को आसरा दिया. भारतीय संस्कृति पर अपने विचार रखते हुए गडकरी ने कहा कि एकता और विविधता भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग है. राजनीति सामाजिक आर्थिक बदलाव की एक माध्यम है. बॉलीवुड एक्टर नसीरुद्दीन शाह की टिप्पणी के बाद गडकरी का यह बयान अहम माना जा रहा है. बता दें कि हाल ही में नसीरुद्दीन शाह के एक बयान पर भारी बवाल मचा था. नसीरुद्दीन शाह का कहना था कि यहां एक गाय की मौत को पुलिस अधिकारी की मौत से ज्यादा अहमियत दी जाती है. अपने बयान में नसीर ने यह भी कहा था कि उन्हें मौजूदा माहौल में अपने बच्चों की चिंता होती है.
आईबी के 31वें कार्यक्रम में बतौर अतिथि पहुंचे नितिन गडकरी ने अपने संबोधन में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तारीफ भी की. गडकरी ने कहा कि उन्हें जवाहरलाल नेहरू के भाषण पसंद है. गडकरी ने कहा कि नेहरु जी कहते थे, “भारत एक देश नहीं है, यह एक जनसंख्या है. इस देश का हर व्यक्ति देश के लिए प्रश्न है, समस्या है.” गडकरी ने आगे कहा कि मैं इतना तो कर ही सकता हूं कि मैं देश के सामने समस्या नहीं रखूंगा. अपने बयान का अभिप्राय समझाते हुए गडकरी ने कहा कि यदि सब लोगों ने यह तय कर लिया कि वो समस्या नहीं रखेंगे तो आधे प्रश्न अपने आप सुलझ जाएंगे.
#WATCH Nitin Gadkari: JL Nehru kehte the, "India is not a nation, it is a population. Iss desh ka har vyakti desh ke liye prashn hai, samasya hai." Unke yeh bhashn mujhe bahut pasand hain. Toh main itna toh kar sakta hun ki main desh ke saamne samasya nahi rahunga. (24.12) pic.twitter.com/i3QzoqwrLk
— ANI (@ANI) December 25, 2018
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बयान का एक छोटा सा अंश समाचार एजेंसी एएनआई ने भी साझा किया है. आईबी के कार्यक्रम में गडकरी ने लगभग एक घंटा लंबा संबोधन दिया. अपने संबोधन में गडकरी ने जवाहर लाल नेहरु के साथ-साथ स्वामी विवेकानंद का भी जिक्र किया. गडकरी ने कहा कि अनेकता में एकता भारत की विशेषता है. गडकरी ने अपने संबोधन में विश्वास और अंहकार में अंतर है. लोगों को विश्वासी होना चाहिए लेकिन अंहकार नहीं रखना चाहिए. गडकरी ने पुलिस अधिकारियों का उदाहरण देते हुए कहा कि पुलिस अधिकारी अपने सीनियर से कमांड लेते है, डिमांड नहीं करते.
नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री गडकरी पिछले कुछ दिनों से लगातार अपने बयानों के कारण सुर्खियों में हैं. इससे पहले गडकरी ने सोमवार को कहा था कि भाजपा के मंत्री और एमएलए के खराब प्रदर्शन के लिए पार्टी अध्यक्ष जिम्मेदार हैं. इस बयान के जरिए गडकरी ने सीधे तौर पर अमित शाह के नेतृत्व पर प्रश्न खड़े किए. इससे पहले गडकरी ने एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री पद की दावेदारी पर कहा था कि मैं जहां हूं खुश हूं.