मुंबई, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार फिर अपने बयान से राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है. इस बार गडकरी ने राजनीति छोड़ने की बात कही है. नितिन गडकरी ने कहा कि उनका अक्सर राजनीति छोड़ने का मन करता है क्योंकि जीवन के लिए और भी बहुत कुछ है, उन्होंने कहा कि राजनीति […]
मुंबई, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार फिर अपने बयान से राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है. इस बार गडकरी ने राजनीति छोड़ने की बात कही है. नितिन गडकरी ने कहा कि उनका अक्सर राजनीति छोड़ने का मन करता है क्योंकि जीवन के लिए और भी बहुत कुछ है, उन्होंने कहा कि राजनीति समाजिक परिवर्तन के लिए थी लेकिन अब राजनीति समाज सेवा से ज्यादा सत्ता पाने के लिए हो रही है.
महाराष्ट्र के नागपुर में एक समारोह में नितिन गडकरी द्वारा की गई ये टिपण्णी इस समय चर्चा का केंद्र बनी हुई है. राजनीति विश्लेषक, गडकरी के बयान की तरह-तरह से विवेचना करने में लगे हुए हैं. कई लोगों का मानना है कि भाजपा में अंदरखाने सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है, जिसके चलते गडकरी ने ये बयान दिया है.
गडकरी, जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश गांधी के सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे, इस कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि कई बार मुझे आश्चर्य होता है कि क्या मुझे राजनीति छोड़ देनी चाहिए. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि जीवन में राजनीति के अलावा और भी बहुत कुछ है, वह सोचते थे और मानते थे कि राजनीति का उद्देश्य सामाजिक परिवर्तन के होता है लेकिन अब राजनीति का उद्देश्य सिर्फ सत्ता पाना रह गया है.
विधान परिषद के पूर्व सदस्य गिरीश गांधी ने 2014 में शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) छोड़ दी थी, गडकरी ने कहा कि उन्होंने हमेशा गिरीश-भाऊ को राजनीति से दूर करने की कोशिश की है. मंत्री ने कहा कि आज हम सत्ता में आने का पूरा ज़ोर लगाते हैं. राजनीति सामाजिक-आर्थिक सुधार का एक वास्तविक साधन है, और इसलिए आज के राजनेताओं को समाज में शिक्षा, कला आदि के विकास के लिए काम करना चाहिए, गडकरी ने आगे सवाल भी किया कि राजनीति शब्द का क्या अर्थ है, यह समझना चाहिए. क्या अब राजनीति समाज, देश लोगों के कल्याण के लिए की जा रही है?