नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दो गुट होने के बाद चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार लंबे वक्त के बाद एक मंच पर नजर आए। पुणे के दौंड में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के पिता के नाम पर स्कूल के उद्घाटन कार्यक्रम में एनसीपी नेता शरद पवार पहुंचे थे। इस दौरान शरद […]
नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दो गुट होने के बाद चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार लंबे वक्त के बाद एक मंच पर नजर आए। पुणे के दौंड में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के पिता के नाम पर स्कूल के उद्घाटन कार्यक्रम में एनसीपी नेता शरद पवार पहुंचे थे। इस दौरान शरद पवार ने अपने भाई अनंत राव पवार और परिवार से जुड़ी कई बातों का जिक्र किया। अजित पवार ने कहा कि जब यहां पर विद्या संस्थान शुरू किया गया था तब सूखा पड़ा था। साहेब की इच्छा थी कि यहां पर एक संस्थान बने और कृषि और शिक्षा के लिए संस्थान स्थापित किए गए। उन्होंने कहा कि इस स्कूल के लिए संस्था अब तक लगभग 25 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है।
अजित पवार ने पिता की इच्छा बताते हुए कहा कि गरीबों के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले, ऐसा वह चाहते थे। विद्या प्रतिष्ठान के नए भवन ‘अनंतराव पवार इंग्लिश मीडियम स्कूल’ के उद्घाटन एवं नामकरण समारोह 22 अक्टूबर को हुआ। डिप्टी सीएम अजित पवार ने बताया कि जब मेरे पिता का निधन हुआ उस समय में कोल्हापुर में पढ़ रहा था। अब जब मैंने यह उद्घाटन का माहौल देखा तो उस समय की सभी यादें अचानक ताजा हो गईं। उन्होंने स्कूल स्टॉफ से अनुरोध किया कि उनके पिता के नाम की तरह शिक्षा मिलनी चाहिए, नहीं तो मुझे दु:ख होगा।
एनसीपी के एक गुट के मुखिया शरद पवार ने कहा कि एक अच्छे भवन के उद्घाटन के मौके पर आज पूरा परिवार साथ है। उन्होंने कहा कि ठाणे के प्राचार्य की सलाह से इस विद्यालय का निर्माण किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि इस विद्यालय से पढ़कर निकले छात्र आज देश के वैज्ञानिक हैं। शरद पवार ने आगे कहा कि साल 1972 में इस संस्था को वापस ले लिया गया था। उन्होंने कहा कि कई छात्रों ने पढ़ाई छोड़ दी थी। शरद पवार ने कहा कि उस वक्त मेरे भाई तात्यासाहब (अनंत राव) इसे देखा करते थे।