Sharad Pawar NCP Congress Merger Rahul Gandhi: कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने का मन बना चुके राहुल गांधी को लोकसभा में नेता विपक्ष का दर्जा दिलाने की खातिर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार अपनी पार्टी एनसीपी का कांग्रेस में विलय कर सकते हैं. शरद पवार ने 1 जून को एनसीपी की मीटिंग बुलाई है जिसमें राकांपा के कांग्रेस में विलय पर चर्चा और फैसला हो सकता है. शरद पवार ने 20 साल पहले 1999 में पीए संगमा और तारिक अनवर के साथ मिलकर सोनिया गांधी के विदेशी मूल मुद्दे पर कांग्रेस से टूटकर एनसीपी का गठन किया था.
मुंबई/ नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद महाराष्ट्र के छत्रप शरद पवार अपनी पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी एनसीपी का राहुल गांधी के कांग्रेस में विलय कर सकते हैं. शरद पवार ने विलय को लेकर 1 जून को मीटिंग बुलाई है जहां कांग्रेस और एनसीटपी के विलय पर चर्चा होगी. माना जा रहा है कि कांग्रेस में राकांपा के विलय से राहुल गांधी को लोकसभा में नेता विपक्ष का दर्जा मिल सकता है क्योंकि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष पद के लिए कम से कम 55 सांसदों की पार्टी का नेता होना जरूरी है. कांग्रेस के पास 52 जबकि एनसीपी के पास 5 सांसद हैं. विपक्ष में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है लेकिन वो नेता विपक्ष के दर्जा से 3 सीट कम है और ऐसे में पवार की पार्टी के विलय के बाद कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 57 हो सकती है और राहुल गांधी को लोकसभा ने विपक्ष के नेता का पद मिल सकता है. 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 44 सीट मिली थी और नेता विपक्ष का पद उसे नहीं मिला. कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को सरकार ने सीबीआई निदेशक या लोकपाल जैसे पदों पर नियुक्ति के लिए बुलाया लेकिन बतौर सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता के तौर पर, ना कि नेता विपक्ष के तौर पर. नेता विपक्ष को कैबिनेट मंत्री का दर्जा होता है और उसे कैबिनेट मंत्री रैंक की सुख-सुविधाएं मिलती हैं.
शरद पवार ने बीस साल पहले सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मसले पर 1999 में कांग्रेस से अलग होकर पीए संगमा और तारिक अनवर के साथ एनसीपी बनाई थी. पीएम संगमा बाद में उनसे अलग हो गए और तारिक अनवर हाल में ही एनसीपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. एनसीपी को इस समय राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा भी हासिल है. इस लोकसभा चुनाव में एनसीपी ने महाराष्ट्र की 4 और लक्षद्वीप की 1 सीट जीती है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनावी हार की समीक्षा के लिए बुलाई कांग्रेस वर्किंग कमिटी की मीटिंग में पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला सबको सुना दिया है और उन्हें मनाने का दौर चल रहा है लेकिन वो अड़ गए हैं. राहुल गांधी ने पार्टी से कोई नया अध्यक्ष चुनने कहा है जो गांधी परिवार से ना हो और खास तौर पर प्रियंका गांधी वाड्रा ना हों. माना जा रहा है कि राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष का पद गांधी परिवार से बाहर के नेता को देकर लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद संभाल सकते हैं.