लुधियाना: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू की लड़ाई खुलकर सामने आ गई है. कैबिनेट मीटिंग में हिस्सा नहीं लेने वाले नवजोत सिंह सिद्धू से कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शहरी विकास मंत्रालय छीन लिया है. सिद्धू को बदले में उर्जा मंत्रालय दिया गया है. यानी अब सिद्धू के बास पर्यटन और पुरातत्व विभाग के अलावा उर्जा मंत्रालय भी होगा. इससे पहले सिद्धू के पास शहरी विकास मंत्रालय भी होता था जो अब ब्रम्ह मोहिंद्रा संभालेंगे. सिद्धू ने कैबिनेट मीटिंग का बहिष्कार करते हुए कहा था कि उन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता. जानकारी के मुताबिक कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चार मंत्रियों को छोड़कर बाकी सभी मंत्रियों के विभाग बदल दिए हैं.
गौरतलब है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस फैसले से साफ है कि पंजाब कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. इससे पहले अमरिंदर सिंह खुले मंच से पाकिस्तान को लेकर सिद्धू की हमदर्दी के खिलाफ बयान दे चुके हैं. शहरी इलाकों में कांग्रेस पार्टी के खराब प्रदर्शन को देखते हुए माना जा रहा है कि अमरिंदर सिंह ने ये फैसला किया है. इससे पहले अमरिंदर सिंह ने इशारा किया था कि शहरी इलाकों में कांग्रेस पार्टी के प्रदर्शन को देखते हुए वो क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू का विभाग बदलने पर विचार कर रहे हैं.
सिद्धू ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि ‘मुझे हल्के में नहीं लिया जा सकता. 40 साल के अपने जीवन मे मैं अंतराष्ट्रीय क्रिकेटर के अलावा इंटरनेशनल कमेंट्रेटर रहा, टीवी शो किए, मोटिवेशनल स्पीकर रहा हूं. ‘
अमरिंदर सिंह को लेकर उन्होंने कहा कि मेरे विभाग को हमेशा टार्गेट किया गया. मैं बतौर नेता और बड़े भाई के हैसियत से कैप्टन साहब की बहुत इज्जत करता हूं. उनकी बातों को हमेशा सुनता हूं. लेकिन दुख तब होता है जब सामुहिक जिम्मेदारी की बजाय किसी एक के सिर हार का ठीकरा फोड़ दिया जाता है. वो मुझे फोन कर सकते थे और जो चाहे बोल सकते थे. गौरतलब है कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को पंजाब में 13 सीटों पर जीत मिली है जबकि बीजेपी और शिरोमणी अकाली दल गठबंधन को 4 और आम आदमी पार्टी को 1 सीट मिली है.
आपको बता दें कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को देशभर में करारी हार मिली थी. हालांकि पंजाब में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन कर 13 में से 8 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसके बाद से कई राज्यों में कांग्रेस पार्टी में अंतर्कलह जारी है. एक दिन पहले महाराष्ट्र में कांग्रेस के दो बड़े नेता राधाकृष्ण पाटिल और अब्दुल सत्तार ने विधायकी से इस्तीफा दिया और फिर वहां के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस से मुलाकात की. अब इनके बीजेपी में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं.
इसी तरह तेलंगाना राज्य में भी कांग्रेस के 18 में से 12 विधायकों ने सत्तारूढ़ पार्टी टीआरएस में विलय करने की अर्जी गुरुवार को स्पीकर को दी है. वहीं राजस्थान कांग्रेस में भी सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच तकरार जारी है. गहलोत लोकसभा चुनाव में मिली हार का ठिकरा पायलट के सिर फोड़ रहे हैं, तो कुछ कांग्रेस विधायक अशोक गहलोत को हटाकर सचिन पायलट को राजस्तान का मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं.
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