जानें क्या है रोडरेज केस जिसमें 34 साल बाद सिद्धू को हुई सज़ा

चंडीगढ़, कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. 1998 के रोडरेज मामले में 34 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को 1 साल की सजा सुनाई है. सुप्रीम कोर्ट में ये केस पंजाब चुनाव से पहले से खुला था. दरअसल, 15 मई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले […]

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जानें क्या है रोडरेज केस जिसमें 34 साल बाद सिद्धू को हुई सज़ा

Aanchal Pandey

  • May 19, 2022 4:48 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

चंडीगढ़, कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. 1998 के रोडरेज मामले में 34 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को 1 साल की सजा सुनाई है. सुप्रीम कोर्ट में ये केस पंजाब चुनाव से पहले से खुला था. दरअसल, 15 मई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में नवजोत सिद्धू पर 1 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था. हाईकोर्ट ने सिद्धू को तीन साल की सज़ा सुनाई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट का फैसला बदलते हुए सिद्धू पर एक हज़ार का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया था, लेकिन पीड़ितों ने मई 2018 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की थी, जिसे अदालत ने मान लिया था और अब इसी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को एक साल की सज़ा सुनाई है.

क्या था मामला?

सिद्धू का 1988 में पटियाला में पार्किंग को लेकर झगड़ा हुआ था जिसमें एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को 1 हजार का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया था अब इसी के खिलाफ पीड़ित पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी थी.

सिद्धू के वकील की दलीलें

इस अर्जी पर सुनवाई के दौरान सिद्धू के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह 34 साल पुराना मामला है. इस मामले में दोषसिद्धि पर सुप्रीम कोर्ट ने ही रोक लगाई थी. और बाकायदा उसका विस्तृत आदेश भी दिया गया था.

सिंघवी ने कहा था कि सिद्धू का बुज़ुर्ग को मारने का कोई मकसद, इरादा या योजना नहीं थी. जिन्हें चोट लगी थी, उनसे सिद्धू की कोई व्यक्तिगत शत्रुता भी नहीं थी. उस वाक्ये को भी अब 34 साल गुजर चुके हैं और सिद्धू को सज़ा भी मिल चुकी है. अभिषेक मनु सिंघवी ने सिद्धू के पक्ष में दलीलें पेश करते हुए कहा था कि सिद्धू की ओर से जमानत की शर्तों का भी कभी उल्लंघन नहीं किया गया. वह कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं, उन्होंने कभी भी कानून की अवहेलना नहीं की है. लेकिन, सिद्धू के वकील की सभी दलीलें धरी की धरी रह गई और सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को 1 साल की सजा सुना दी है. 

 

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