नेशनल हेराल्ड विवाद: क्या राजनीति से प्रेरित है पूरा मामला ?

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को तलब किया है। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले (धारा 50 अधिनियम के तहत) में राहुल गांधी को 2 जून यानी कल और सोनिया गांधी को 8 जून को पूछताछ के लिए बुलाया है। जानकारी मिली है कि राहुल ने […]

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नेशनल हेराल्ड विवाद: क्या राजनीति से प्रेरित है पूरा मामला ?

Pravesh Chouhan

  • June 1, 2022 5:38 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को तलब किया है। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले (धारा 50 अधिनियम के तहत) में राहुल गांधी को 2 जून यानी कल और सोनिया गांधी को 8 जून को पूछताछ के लिए बुलाया है। जानकारी मिली है कि राहुल ने अब बाहर होने का हवाला देते हुए समय मांगा है, जबकि सोनिया आठ जून को पूछताछ में शामिल होंगी।

2012 में हुआ था मामला दर्ज

बता दें कि 2012 में बीजेपी नेता और देश के जाने माने वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस, पत्रकार सुमन दुबे और टेक्नोक्रेट सैम पित्रोदा के खिलाफ केस दर्ज कराया था। तब केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार थी।

ये है आरोप

बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा किया कि YIL ने 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति और मुनाफा हासिल करने के लिए निष्क्रिय प्रिंट मीडिया आउटलेट्स की संपत्ति “गलत तरीके से” हासिल की। स्वामी ने यह भी आरोप लगाया कि YIL ने कांग्रेस पार्टी पर AJL के 90.25 करोड़ रुपये की वसूली के अधिकार हासिल करने के लिए सिर्फ 50 लाख रुपये का भुगतान किया था। यह राशि पहले अखबार शुरू करने के लिए कर्ज के तौर पर दी जाती थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एजेएल को दिया गया ऋण “अवैध” था क्योंकि यह पार्टी के फंड से लिया गया था।

 बीजेपी ने करवाई मामले की जांच

2014 में जब केंद्र में बीजेपी की सरकार आई तो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले की जांच शुरू की। इस मामले में सोनिया और राहुल गांधी पर कार्रवाई की तलवार लटकने लगी थी। इसलिए दोनों कोर्ट पहुंचे। निचली अदालत ने 19 दिसंबर 2015 को इस मामले में दोनों को जमानत दे दी थी। 2016 में, सुप्रीम कोर्ट ने मामले के सभी पांच आरोपियों (सोनिया, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस और सुमन दुबे) को व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दी थी, मगर उनके खिलाफ कार्रवाई रद्द करने से इनकार कर दिया था।

बीजेपी सरकार की कार्रवाई

2018 में केंद्र सरकार ने 56 साल पुराने स्थायी पट्टे को खत्म करने का फैसला किया। इसके अलावा, एजेएल को हेराल्ड हाउस परिसर से इस आधार पर बेदखल करने का निर्णय लिया गया है कि एजेएल कोई मुद्रण या प्रकाशन गतिविधि नहीं कर रहा था। जबकि इस कार्य के लिए 1962 में भवन आवंटित किया गया था। हालांकि, 5 अप्रैल 2019 को, सुप्रीम कोर्ट ने अगली सूचना तक सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जाधारियों का निष्कासन) अधिनियम, 1971 के तहत एजेएल के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश दिया। अब इस मामले में ईडी ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पूछताछ के लिए तलब किया है।

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