नई दिल्ली, राहुल गांधी से पूछताछ का सिलसिला अब समाप्त हो गया है. साढ़े आठ घंटे बाद जाकर ये सवाल-जवाब का सिलसिला खत्म हुआ है. अब किसी भी वक्त कांग्रेस नेता ईडी दफ्तर से बाहर निकल सकते हैं, बता दें पहले राउंड में उनसे तीन घंटे की पूछताछ हुई थी, जिसके बाद उन्हें लंच ब्रेक […]
नई दिल्ली, राहुल गांधी से पूछताछ का सिलसिला अब समाप्त हो गया है. साढ़े आठ घंटे बाद जाकर ये सवाल-जवाब का सिलसिला खत्म हुआ है. अब किसी भी वक्त कांग्रेस नेता ईडी दफ्तर से बाहर निकल सकते हैं, बता दें पहले राउंड में उनसे तीन घंटे की पूछताछ हुई थी, जिसके बाद उन्हें लंच ब्रेक दिया गया था, जिसमें वे अपनी माँ सोनिया गाँधी से मिलने गंगाराम अस्पताल पहुंचे थे. माँ सोनिया गाँधी से मिलने के बाद राहुल फिर ईडी दफ्तर पहुंचे थे, जिसके बाद उनसे पांच घंटे लगातार सवाल-जवाब हुए. बता दें राहुल गाँधी कल फिर सवाल-जवाब के लिए ईडी के सामने पेश होंगे.
अब तक नेशनल हेराल्ड केस में नेहरू गांधी परिवार के किसी सदस्य की गिरफ्तारी की कोई संभावना नहीं है. हालांकि, प्रवर्तन निदेशालय की कार्यशैली से परिचित लोगों के मुताबिक, आने वाले समय में ऐसी किसी संभावना को नकारा भी नहीं जा सकता.
नेशनल हेराल्ड केस में 8 साल बाद गांधी परिवार कानून और कचहरी के फंदे में फंसता नज़र आ रहा है. विपक्ष में रहने पर कई बार ऐसे हालात पैदा हुए कि गांधी नेहरू परिवार के लिए कठिन परिस्थितियां उतपन्न हुई और ऐसे वक्त में उन्होंने कुशल राजनीति का परिचय देते हुए कानूनी कार्रवाई और अदालतों के मामलों का इस्तेमाल इस तरह से किया कि उनकी राजनीति में वापसी हुई.
मौजूदा हालात 3 अक्टूबर 1977 की याद दिला रहे हैं, उस वक्त इंदिरा गांधी पर कार्रवाई हुई थी. इसके बाद 1978 के बाद संजय गांधी को 5-6 बार अदालतों का चक्कर लगाना पड़ा था, यहाँ तक कि उन्हें जेल भी जाना पड़ा था, लेकिन इंदिरा गांधी ने अपने खिलाफ हुई कार्रवाई का इस्तेमाल माहौल बनाने में किया और जनता को अपने पक्ष में करते हुए सत्ता में वापसी की.
ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या राहुल गांधी अपनी दादी के कौशल को दोहरा पाएंगे, क्या वे कानूनी कार्रवाई के जरिए माहौल बनाकर 2024 में करिश्मा दिखाकर नरेंद्र मोदी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा सकते हैं.
नेशनल हेराल्ड मामला: ईडी दफ्तर में राहुल गांधी से सवाल-जवाब शुरू, चार अधिकारी कर रहे है पूछताछ