‘कोई सबूत नहीं है कि नेशनल हेराल्ड के सभी फैसले मोतीलाल वोरा ने लिए’- ED का दावा

नई दिल्ली, नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी की मुश्किलें कम होने की बजाय बढ़ती ही जा रही है. बीते दिन, इस केस के संबंध में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से ED ने 7 घंटे तक पूछताछ की. वहीं, अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) रिपोर्ट्स की मानें तो पूछताछ के लिए बुलाए गए […]

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‘कोई सबूत नहीं है कि नेशनल हेराल्ड के सभी फैसले मोतीलाल वोरा ने लिए’- ED का दावा

Aanchal Pandey

  • August 5, 2022 4:37 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली, नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी की मुश्किलें कम होने की बजाय बढ़ती ही जा रही है. बीते दिन, इस केस के संबंध में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से ED ने 7 घंटे तक पूछताछ की. वहीं, अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) रिपोर्ट्स की मानें तो पूछताछ के लिए बुलाए गए कांग्रेस नेताओं (सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत) में से किसी ने भी यह साबित करने के लिए कोई दस्तावेज नहीं दिया कि एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) और यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े सभी वित्तीय लेनदेन स्वर्गीय मोती लाल वोरा देखते थे, हालांकि सभी ने पूछताछ के दौरान यही कहा था कि नेशनल हेराल्ड से जुड़े वित्तीय लेन-देन मोतीलाल वोरा संभालते थे.

कौन थे मोतीलाल वोरा

मोती लाल वोरा कांग्रेस पार्टी के सबसे लंबे समय तक कोषाध्यक्ष रहे थे, उनका साल 2020 में निधन हो गया था. दरअसल, राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने नेशनल हेराल्ड केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी से पूछताछ के दौरान कहा था कि एजेएल और यंग इंडिया लिमिटेड से जुड़े सभी वित्तीय लेन-देन मोती लाल वोरा ही देखा करते थे, और इसकी सारी जानकारी भी उन्हीं को होती थी.

राहुल-सोनिया ने बार-बार लिया था मोतीलाल का नाम

सोनिया गाँधी से जब नेशनल हेराल्ड मामले में पूछताछ की गई तो उन्होंने भी राहुल की तरह ही ईडी के अधिकारियों को बताया कि वित्त संबंधी सभी मामले मोतीलाल वोरा संभालते थे और वही सारा लेन-देन देखते थे. बता दें कि मोतीलाल वोरा का साल 2020 में निधन हो चुका है और वह कांग्रेस के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले कोषाध्यक्ष रहे हैं.

ईडी के अधिकारियों ने जब राहुल गांधी से वित्तीय पहलुओं के बारे में सवाल किया था, तब उन्होंने भी अधिकारियों से कहा था कि सभी लेनदेन मोतीलाल वोरा ही देखते थे, वही सारा हिसाब-किताब रखते थे. राहुल और सोनिया गांधी के अलावा कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन कुमार बंसल ने भी पूछताछ के दौरान ईडी को यही जवाब दिया था.
जांच एजेंसी ने राहुल गांधी से जून में पूछताछ की थी, इस दौरान राहुल गांधी ने ईडी को बताया था कि यंग इंडियन एक गैर-लाभकारी कंपनी है, जिसे कंपनी अधिनियम के विशेष प्रावधान के तहत शुरू किया गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस नेता ने कहा था कि इसमें से एक पैसा भी नहीं निकाला गया.

 

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